सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाकर आने वाले कल को बनाएं बेहतर

धमतरी,

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में जिले में मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है । इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य विभाग के कर्मी लोगों के बीच जाकर उनको मानसिक समस्याओं को समझाने और उसका तार्किक हल बताने का प्रयास करेंगे । साथ ही लोगों को तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।
इस संबंध में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. जेएस खालसा ने बताया: ’’इस वर्ष सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य और भलाई को वैश्विक प्राथमिकता बनाना की थीम पर जिले में 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान लोगों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में जिला जेल धमतरी में बंदियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।”

क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रीति चांडक ने बताया: ‘’कार्यशाला में बंदियों को एक स्वस्थ शरीर में मानसिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी दी गई। इस मौके पर मानसिक बीमारियों की पहचान कैसे करनी है‌, इस बारे में भी बताया गया। बंदियों को होने वाले तनाव के विभिन्न कारक जैसे घर परिवार से दूरी, अकेलापन, अपने द्वारा किए गए काम को लेकर आत्मग्लानि महसूस करना, जेल का परिवेश, अपनों की चिंता, सजामुक्त होने के बाद भविष्य को लेकर चिंता पर चर्चा करते हुए विभिन्न प्रकार के उपायों के माध्यम से हल करने के बारे में बताया, जैसे प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल, असर्टिंवनेस टेक्निक, वेंटीलेशन टेक्निक, म्यूजिक थेरेपी द्वारा भी तनाव को कम करने के बारे में बताया गया। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट द्वारा बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कर मानसिक रूप से तनावयुक्त बंदियों को आवश्यकतानुसार काउंसलिंग के लिये जिला अस्पताल लाने का भी सुझाव दिया।”

उन्होंने आगे बताया: “बंदियों को सजा मुक्त होने के बाद गलत संगति वाले लोगों के कारण फिर से गलत कार्यों की पुनरावृत्ति हो सकती है इस बात से होने वाले तनाव को कम करने के लिए असर्टिंवनेस टेक्निक सिखाया गया। साथ ही सजा मुक्त होने के बाद अपनी और अपने परिवार का जीविकोपार्जन किस प्रकार किया जाए पर होने वाले तनाव को कम करने के लिए प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स दिखाया गया।”

मेडिकल ऑफिसर मानसिक स्वास्थ्य डॉ. रचना पद्मावर ने कहा‘’मानसिक स्वास्थ्य को आसानी से पहचाना जा सकता है, व्यक्ति में अत्यधिक चिड़चिड़ापन कार्य में रुचि ना होना या अत्यधिक गुस्सा आना। मन: स्थिति स्थिर ना होने को दर्शाता है । मानसिक समस्या को हल करने के लिए जिला चिकित्सालय धमतरी में मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्पर्श क्लीनिक स्थापित किया गया है । किसी भी प्रकार की मानसिक समस्या होने पर स्पर्श क्लीनिक में संपर्क किया जा सकता है । यहाँ पर व्यक्ति की जानकारी भी गुप्त रखी जाती है साथ ही निशुल्क इलाज भी होता है ।” कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीके तुर्रे, सिविल सर्जन सह जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. यूएल कौशिक के निर्देशानुसार किया गया । कार्यशाला को सफल बनाने में जिला जेल धमतरी के जिला जेल अधीक्षक एनके डेहरिया का महत्वपूर्ण सहयोग रहा ।

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