सांसद यादव बने BJP प्रवक्ता, जानिए टीम वीडी में कौन-कौन शामिल

भोपाल
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने प्रदेश कार्यकारिणी के बाकी सदस्यों का ऐलान कर दिया है. शनिवार देर रात जारी हुई सूची में सह मीडिया प्रभारी, प्रवक्ता और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के कार्यकारिणी सदस्यों का ऐलान किया गया. सूची में 8 सह मीडिया प्रभारी और 17 प्रवक्ताओं के नाम शामिल हैं. खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव 2019 में गुना संसदीय सीट से तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को शिकस्त देने वाले सांसद केपी यादव को प्रवक्ताओं की सूची में शामिल किया गया है.

इसके अलावा सिंधिया के करीबी पंकज चतुर्वेदी भी प्रवक्ता बनाए गए हैं. विधायक यशपाल सिंह सिसोदया पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी और सुमेर सिंह सोलंकी भी प्रवक्ता बनाए गए हैं.

कौन कौन बना सह मीडिया प्रभारी?

  • नरेंद्र शिवाजी पटेल-भोपाल
  • विवेक तिवारी – भोपाल
  • जवाहर प्रजापति – ग्वालियर
  • प्रशांत तिवारी – जबलपुर
  • अनिल पटेल – रीवा
  • आशीष तिवारी – पन्ना
  • सचिन सक्सेना – उज्जैन
  • दीपक जैन – इंदौर

ये बनाए गए हैं प्रवक्ता?

  • यशपाल सिंह सिसोदिया – मंदसौर
  • अर्चना चिटनिस – बुरहानपुर
  • महेंद्र सिंह सोलंकी – देवास
  • सुमेर सिंह सोलंकी – बड़वानी
  • के पी यादव – अशोकनगर
  • हितेश वाजपेई – भोपाल
  • उमेश शर्मा – इंदौर
  • राजपाल सिसोदिया – उज्जैन
  • शशिकांत शुक्ला – जबलपुर
  • पंकज चतुर्वेदी – भोपाल
  • अनवर पटेल – उज्जैन
  • राम डागोरे – खंडवा
  • आशीष अग्रवाल – ग्वालियर
  • दुर्गेश केसवानी – भोपाल
  • नेहा बग्गा – भोपाल
  • दिव्या गुप्ता – इंदौर
  • प्रह्लाद कुशवाहा – सतना

राजधानी के सियासी गलियारों में इन दिनों एक खास बंगले को लेकर हलचल तेज है. 27 सफदरजंग रोड स्थित लुटियन जोंस के इस बंगले में अभी पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निःशंक रह रहे हैं, चर्चा इसलिए तेज है क्योंकि हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट में जगह बनाने वाले मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी यही बंगला पसंद है. सिंधिया की इस बंगले से पुरानी यादें जुड़ी हुई हैं, इसलिए वह चाहते हैं कि केंद्रीय मंत्री बनने के बाद वे इसी में रहें. लेकिन मंत्री पद से हटने के बाद भी निःशंक बंगला खाली करने के मूड में नहीं हैं. उन्होंने इसे खाली करने से इनकार भी कर दिया है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस बंगले के प्रति ‘मोह’ की एक खास वजह है. उन्होंने यहां अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के काबीना मंत्री रहे माधवराव सिंधिया के साथ लंबा समय गुजारा है. इसलिए बीजेपी में आने के महीनों बाद तक जब तक कि उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह नहीं मिल गई, वे दिल्ली में अपने निजी आवास में ही रहे, लेकिन बतौर राज्यसभा सांसद अलॉट होने वाले आवास में नहीं गए. अब जबकि वे नागरिक उड्डयन मंत्री बन चुके हैं और उन्हें बंगला अलॉट किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो वे चाहते हैं कि सफदरजंग के मकबरे के पास वाला यह खास बंगला ही उन्हें अलॉट किया जाए.

अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी में शामिल होने के बाद जब सिंधिया को राज्यसभा का सांसद चुना गया, उस समय ही उन्हें दिल्ली में 3 बंगलों में से किसी एक को चुनने का ऑप्शन दिया गया था. लेकिन उन्होंने निजी आवास आनंद लोक में ही रहना मुनासिब समझा. अखबार पार्टी सूत्रों के हवाले से लिखता है कि 1980 के दशक में माधवराव सिंधिया 27 सफदरजंग रोड स्थित इस बंगले में रहते थे. यहां रहते हुए ज्योतिरादित्य ने अपने बचपन और तरुणाई के दिन बिताए हैं, इस लिहाज से बंगले के लिए खास आकर्षण रहा है. यही वजह थी कि ज्योतिरादित्य इसी को अपना आधिकारिक आवास बनाने की ख्वाहिश रखते हैं.

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