सरकार के आईटी कार्यक्रमों के संबंध में विधानसभा सदस्यों के लिए 17 मई को ओरिएंटेशन प्रोग्राम

    मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार आईटी कार्यक्रमों के जरिए व्यवस्था परिवर्तन कर सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम कर रही है। सरकार की अधिकांश योजनाएं एवं सेवाएं ऑनलाइन की जा चुकी हैं

    चंडीगढ़, 

    मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में हरियाणा सरकार आईटी कार्यक्रमों के जरिए व्यवस्था परिवर्तन कर सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम कर रही है। सरकार की अधिकांश योजनाएं एवं सेवाएं ऑनलाइन की जा चुकी हैं। इसके जरिए सरकार भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन सुनिश्चित कर रही है। डिजिटल गवर्नेंस के चलते अब सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में मानव हस्तक्षेप कम हुआ है और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है। वहीं प्रशासनिक प्रक्रियाओं ने गति पकड़ी है और योजनाओं का पूर्ण लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचा है।

    आईटी से जुड़ी योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के लिए हरियाणा सरकार द्वारा विधानसभा सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में 14 आईटी प्रोजेक्ट्स के संबंध में विधायकों को जानकारी दी जाएगी ताकि विधायक जनहित से जुड़े इन प्रोजेक्ट्स का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन करवा पाएं और इस संबंध में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक कर सकें। इस ओरिएंटेशन प्रोग्राम में ग्राम दर्शन, नगर दर्शन, सीएम रिलीफ फंड असिस्टेंस फॉर मेडिकल इमरजेंसी, मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना, वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, पीला राशन कार्ड, आयुष्मान भारत, हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल, ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी, परिवार पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मेरी फसल मेरा ब्यौरा, ई-खरीद और ऑटो अपील सॉफ्टवेयर को लेकर विशेषज्ञों द्वारा विधायकों को जानकारी मुहैया करवाई जाएगी।

    मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को घर बैठे ही सेवाओं और अधिकारों का लाभ मिले, इसलिए सरकार ने पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान का संकल्प लिया है और सरकार स्वयं इस व्यक्ति तक पहुँच रही है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर कहा जाता है कि ‘प्यासा कुएं के पास जाता है परन्तु अब ऐसा नहीं होगा अब सरकारी कुआं हर प्यासे के घर-द्वार जाएगा और उसको उसका हक देगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना है। हम सरकारी कामकाज में मानवीय हस्तक्षेप को कम करना चाहते हैं और प्रौद्योगिकी के अधिक उपयोग के साथ एक फेसलेस सिस्टम बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया प्रौद्योगिकी के युग की ओर बढ़ रही है, इसलिए सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है।

    उल्लेखनीय है कि डिजिटल गवर्नेंस सुशासन के कारगर उपकरण के रूप में उभरकर सामने आई है। इस नई व्यवस्था में योजनाओं का लाभ पाने के लिए लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। मैक्सिमम गवर्नेंस-मिनिमम गवर्नमेंट सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा आदि हर क्षेत्र में डिजिटल-गवर्नेंस की कई नई पहल की गई हैं। प्रदेश में कोई भी विभाग अथवा क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है, जिसमें डिजिटल गवर्नेंस को ना अपनाया गया हो।

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