शादी से पहले प्लानिंग करना है जरूरी, वरना बन जाती है बोझ

शादी एक ऐसा रीति-रिवाज है, जिसे लेकर दिमाग में दस तरह के ख्याल बने रहते हैं। वहीं शादी में होने वाले खर्चे को लेकर भी चिंता हमेशा ही बनी रहती है। ऐसे में आप अगर पहले से प्लानिंग करके नहीं रखते, तो यह आपको बोझ समान लगने लगती है। हर तरफ रुपयों का खर्च आपको परेशान कर देता है और आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते। हम यह बिल्कुल नहीं कह रहे कि शादी में फालतू खर्च करना चाहिए, लेकिन एक सिंपल वेडिंग करने के लिए भी आपको रूपयों की जरूरत बेशक पड़ती है।

यही कारण है कि अक्सर लोग शादी के दौरान घबराए हुए घूमते हैं और उनका अकाउंट बैलेंस बिल्कुल गड़बड़ा जाता है। कई बार शादी के बाद आपको आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ जाता है, जो एक मैरिड लाइफ के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। 
बड़े-बुजुर्गों द्वारा आपने अक्सर सुना होगा कि पैसा सेव करना कितना जरूरी है। यह बात बिल्कुल सही है कि भविष्य के लिए कुछ धनराशि अपनी सैलरी में से हमेशा बचानी चाहिए, ताकि जब भी आपको जरूरत पड़े तब आप उसे इस्तेमाल कर सकें। शादी के आखिरी वक्त में जब आपके पास पैसे नहीं होते, तो आप कई लोगों से रुपए मांगने और लोन लेने को तैयार हो जाते हैं। साथ ही अपने पार्टनर से भी इस चिड़चिड़ेपन में लड़ बैठते हैं। इसलिए भले ही आपकी सैलरी कम ही क्यों न हो, लेकिन उसका कुछ हिस्सा सेव जरूर करें।

​अचानक शादी के बंधन में बंधने से बचें

घरवालों के प्रेशर में आकर अचानक शादी करना कहीं से भी अकलमंदी का काम नहीं है। कई बार लड़के/लड़कियां दोस्तों या घरवालों के दबाव में आकर शादी का मन तो बना लेते हैं, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं होती। कहने का मतलब यह है कि बिना सेविंग्स के आपका मैरिज करना शादी के वक्त और उसके बाद कई तरह की परेशानियों का सामना करा सकता है।

मैरिज के बाद घर चलाना कोई आसान काम नहीं होता, अगर आपको लगता है कि सिर्फ शादी तक का सफर तय करके सब कुछ हासिल हो जाता है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह बहुत बड़ा जिम्मेदारी का रिश्ता होता है, इसलिए बेहतर यही है कि पहले पार्टनर के साथ थोड़ी प्लानिंग कर लें, उसके बाद सात फेरे लेने का मन बनाएं। खुशहाल शादीशुदा जीवन के ये 4 टिप्स, जिसे फॉलो करना कपल्स के लिए है जरूरी

समाज के चक्कर में न पड़ें

कई बार लोग शादी करने के लिए तैयार तो हो जाते हैं, लेकिन अपने बजट पर ध्यान नहीं देते। दरअसल, शादी को लेकर कपल्स और परिवारों के मन में कई तरह के ख्वाहिशें रहती हैं, होनी भी चाहिए लेकिन अपने बजट और अपनी प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर। इस बारे में सोचने से बचें कि समाज क्या कहेगा?, उन्होंने अपनी बेटी या बेटे की शादी तो ऐसे की थी, उस कपल की डेस्टिनेशन वेडिंग की तरह आपको भी करनी है। अपने पार्टनर और फैमिली से बजट को लेकर चर्चा करें और बिना किसी से मांगे जितने में आप कर सकते हों, उतने में ही करने का फैसला लें।

​शादी को लेकर जान लें पार्टनर की मर्जी

अरेंज मैरिज हो या लव मैरिज हो, जिस व्यक्ति के आप शादी करने जा रहे हैं, उसका मन जानना बेहद जरूरी है। जब आपसी बातचीत और पूरी दोनों की मर्जी से शादी होती है, तो उसमें कई सारी प्लानिंग आप पहले से कर लेते हैं। साथ ही शादी के बाद आपका रिश्ता भी खुशहाल बना रहता है। लेकिन अगर एक साथी शादी के लिए तैयार न हों, तो उसके लिए मैरिज सिर्फ नाम के लिए होती है जिसे वह आपके या घरवालों के प्रेशर में आकर कर रहा होता है। ऐसे में कपल्स के बीच शादी के बाद तनाव दिखना शुरू हो जाता है। बेहतर यही है कि पार्टनर के साथ बैठकर शादी और अपने भविष्य को लेकर थोड़ी प्लानिंग कर लें और उनसे उनकी मर्जी भी जान लें।

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