‘राम-राज’ में प्रथम विजेता रश्मि लहर और गोवर्धनदास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’

इंदौर। हिंदीभाषा परिवार द्वारा सतत स्पर्धाओं की श्रंखला में ‘राम-राज’ विषय पर इस बार 75वीं स्पर्धा आयोजित की गई। उत्कृष्ट रचना लिखकर इसमें पद्य में प्रथम विजेता रश्मि लहर और गद्य में गोवर्धनदास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’ बने हैं। पद्य में द्वितीय विजेता बनने का अवसर डॉ. एन.के. सेठी ‘नवल’ और गद्य में डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ को मिला है।

मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने बताया कि, उक्त विषय पर प्राप्त प्रविष्टियों में से श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने पद्य में पहले क्रम पर ‘नया इतिहास लिखो’ के लिए रश्मि लहर (लखनऊ, उप्र) को पहला विजेता चयनित किया है। इसी वर्ग में ‘मिटे जगत अंधियारा’ रचना हेतु डॉ. सेठी (बांदीकुई, राजस्थान) को दूसरा एवं ‘राम राज फिर आएगा’ के लिए डी. कुमार ‘अजस्र’ (दुर्गेश मेघवाल, बूंदी- राजस्थान) को तीसरा विजेता घोषित किया है।

Read More: हिन्दी विद्यापीठ द्वारा सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ मप्र के अध्यक्ष मनोनीत

मंच की संयोजक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ.एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’, परामर्शदाता डॉ.पुनीत द्विवेदी (मप्र), विशिष्ट सहयोगी एच.एस. चाहिल व प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने सभी विजेताओं-सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।

श्रीमती जैन ने बताया कि, हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा नारद मुनि पुरस्कार-सम्मान व 1 राष्ट्रीय कीर्तिमान प्राप्त 1.52 करोड़ 50 हजार दर्शकों-पाठकों के अपार स्नेह और 9 सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में गद्य वर्ग में श्री बिन्नानी (बीकानेर, राजस्थान) के आलेख ‘राम जी जैसा बनना होगा’ को पहला स्थान दिया गया है, साथ ही द्वितीय विजेता ‘राम- राज जन-जन का कर्तव्य’ हेतु डॉ. गुप्ता (झारखंड) हैं। इसी कड़ी में ‘जन-जन का हित हो’ रचना पर तीसरा स्थान प्रो.(डॉ.) शरद नारायण खरे (मण्डला, मप्र) ने प्राप्त किया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here