नई दिल्ली
इस्राइली सॉफ्टवेयर पेगासस से 300 भारतीयों की कथित जासूसी को लेकर गुरुवार को भी संसद में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में जब सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव इस मामले पर बयान देने के लिए उठे तो तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इन सांसदों ने मंत्री से पन्ने छीनकर फाड़ दिए। वे सभापति के आसन के पास एकत्रित होकर शोर मचाते रहे। इसके बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक स्थगित कर दी गई।
भारी हंगामे के कारण वैष्णव को बयान देने में कठिनाई हुई और उन्हें यह सदन के पटल पर रखना पड़ा। दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए वैष्णव का नाम पुकारा। विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। वैष्णव ने बयान की शुरुआत की ही थी कि हंगामा और तेज हो गया। हंगामे के कारण उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। उपसभापति ने विपक्षी दलों के रवैये को 'असंसदीय' करार दिया और केंद्रीय मंत्री से बयान को सदन के पटल पर रखने का आग्रह किया।
अपने बयान में मंत्री वैष्णव ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये भारतीयों की कथित जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट का प्रकाशित होना कोई संयोग नहीं है बल्कि ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं। राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच, अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है।
आईटी मंत्री वैष्णव के हाथ से पन्ने छीनकर फाड़ने के दौरान तृणमूल सांसद शांतनु सेन और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। सेन ने वैष्णव से पन्ने छीने थे।
राज्यसभा के घटनाक्रम पर विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विपक्ष खासकर तृणमूल कांग्रेस व कांग्रेस के सदस्यों की हरकत शर्मनाक है। पेगासस जासूसी मामला फेक न्यूज है। इससे देश की छवि खराब हुई है। आज सदन में सदस्यों ने जवाब देते वक्त मंत्री के हाथ से पन्ने छीन लिए, यह घटिया हरकत है।