राज्यपाल ने पर्यावरण तीर्थ के रायपुर प्रकल्प का उद्घाटन किया…. जो प्रकृति के अनुकुल जीता है वह सकारात्मक रहता है

रायपुर,

जो प्रकृति के साथ रहता है, प्रकृति के अनुकुल जीता है और जो सकारात्मक रहता है वह हमेशा निरोगी और स्वस्थ रहता है। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज पर्यावरण तीर्थ-रायपुर प्रकल्प के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने आमजनों से संकल्प लेने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रकृति को माता मानकर उसका वैसा ही आदर करें, अंधाधुंध दोहन न करें। जो हमें प्रकृति से मिलता है, उसको सहेजें और आने वाली पीढ़ी के लिए भी संरक्षित करें। राज्यपाल राजधानी रायपुर के खारून नदी के किनारे महादेव घाट में पर्यावरण तीर्थ के रायपुर प्रकल्प का उद्घाटन किया और खारून नदी की आरती कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।WhatsApp Image 2021 12 15 at 8.35.38 PM 1 WhatsApp Image 2021 12 15 at 8.35.39 PM

राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकल्प के शुभारंभ के साथ हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सपने को भी साकार करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ेंगे। सुश्री उइके ने कहा कि हम जिस वातावरण में निवास करते हैं, वह शुद्ध होना चाहिए, जिस पानी को हम इस्तेमाल करते हैं वह पीने योग्य हो। उन्होंने कहा कि हम विकास की अंधी दौड़ में जाने-अनजाने में प्रकृति को नुकसान पहुंचाते रहे, जिसके भयावह दुष्परिणाम क्लामेट चेंज के रूप में सामने आ रहे हैं। अब समय आ गया है कि पर्यावरण का हम संरक्षण करें और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों जैसे प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें।

उन्होंने कहा कि नदियों का हमारी संस्कृति में बड़ा महत्व रहा है। नदियां जीवनदायिनी होती हैं। हम नदियों को हमेशा माता कहकर पूजते आए हैं। इस प्रकल्प में नदियों के किनारे पर्यावरण तीर्थ स्थापना की संकल्पना की गई है, जिसके तहत शिव-गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि हम नदियों को स्वच्छ रखने का संकल्प लें और उसके लिए हरसंभव प्रयास करें। उसमें कचरा न डालें, नालियों का गंदा पानी नदी में जाने से रोकें। सामुदायिक भागीदारी से नदियों को स्वच्छ रखने के लिए कार्य करें।

राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकल्प द्वारा बरगद, पीपल और नीम के पौधों का रोपण किया जाएगा और तुलसी के पौधों का भी वितरण किया जाएगा। इन पौधों का हमारे समाज में धार्मिक, आर्थिक के साथ पर्यावरण की दृष्टि से बड़ा महत्व है। यह माना जाता है कि इनके पूजन से तथा जल देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो पीपल और बरगद की ऑक्सीजन प्रदान करने की क्षमता बेजोड़ है, जिससे वातावरण शुद्ध होता है। नीम जीवाणुओं का नाश करने में सहायक होता है, साथ ही तुलसी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक सिद्ध होता है। कोरोना काल में तुलसी के पेय का उपयोग किया गया, जिससे आमजनों को लाभ हुआ।

इस अवसर पर राज्यपाल ने पीपल और बरगद के पौधे का रोपण किया तथा नीम और तुलसी के पौधों का वितरण किया। साथ ही जनसमूह से प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का संकल्प भी कराया। साथ ही मछुवारों और नाविकों का भी सम्मान किया। कार्यक्रम को पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीगोपाल व्यास ने भी अपना संबोधन दिया।

 

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