रमन राज में आरडीए 700 करोड़ से अधिक के घाटे में था, एनआरडीए में निर्माण लागत 5 गुना अधिक बताई जाती थी, अब तो स्थितियां सुधरी है -सुरेंद्र

रायपुर,

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहां है कि रमन सरकार के 15 साल में ना केवल सरकारी विभाग बल्कि निगम, मंडल और प्राधिकरण को भी लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ा। विदित हो कि कमल विहार में कमीशनखोरी के चलते केवल रोड रास्ते के नाम पर इतनी राशि फूंक दी गई थीं कि रायपुर विकास प्राधिकरण 700 करोड़ से अधिक के कर्ज़ में आ गया था।

आरडीए के कई बैंक खातों के जप्त होने की नौबत आ गई थी जो भूपेश बघेल सरकार के प्रयासों से अब बेहतर स्थिति में हैं। इसी तरह रमन सरकार में बिना बसाहट के 14000 करोड़ से अधिक की राशि नई राजधानी में फूके गए। एनआरडीए के द्वारा निर्मित रिटेल कांप्लेक्स भी 2016 से 18 के दौरान रमन सरकार के दौरान ही बनवाये गए। बगैर सर्वे, बगैर आकलन किए केवल भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के लिए निर्माण लागत तत्कालीन वैल्यूएशन दर से लगभग 5 गुना अधिक बताई गई। एनआरडीए द्वारा उक्त रिटेल कंपलेक्स पर मॉर्टगेज लोन भी रमन सरकार ने ही लिया था।

स्पष्ट है कि रमन सरकार का फोकस ना विकास में था, ना ही जन सरोकार से। उनके द्वारा लागत के आधार पर विक्रय के लिए जो दरें तय की गई उसमें 12 प्रतिशत कटौती के बावजूद भी 90 प्रतिशत से अधिक का एरिया आज तक विक्रय नहीं हो पाया। रमन सरकार ने केवल अपनी कमीशन पक्का करने प्रदेश की संपत्ति को गिरवी रख दिया। 41000 करोड़ से अधिक का कर्ज लेकर भी न केवल प्रदेश के किसानों, युवाओं, आदिवासी और आमजनता से वादाखिलाफी करते रहे, बल्कि तमाम निगम, मंडल और प्राधिकरणों को भी लूटने और बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ा।

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