यूपी में कोरोना पर नई गाइडलाइंस: स्कूल बंद, शादियों में 100 से ज्यादा मेहमान नहीं

लखनऊ:उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस से संक्रमण की बढ़ती हुई रफ्तार को देखते हुए कई नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। टीम-09 के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए। बता दें कि उत्तर प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 992 मामले सामने आए हैं जबकि 77 लोगों ने स बीमारी को मात दी। सबसे ज्यादा 174 मामले गाजियाबाद में सामने आए जबकि गौतमबुद्ध नगर में 165 और लखनऊ में 150 नए केस मिले हैं। सूबे में इस समय कुल मिलाकर 3173 ऐक्टिव केस हैं।

’14 जनवरी तक बंद रहेंगे यूपी के स्कूल’

 

यूपी में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-09 को निर्देश दिया है कि कक्षा 10वीं तक के सभी शासकीय व निजी विद्यालयों में मकर संक्रांति (14 जनवरी) तक अवकाश घोषित किया जाए और इस अवधि में उनका टीकाकरण जारी रहेगा। इसके अलावा जिन जनपदों में एक्टिव केस की न्यूनतम संख्या 1000 से अधिक हो जाए, वहां जिम, स्पा, सिनेमाहॉल, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट आदि सार्वजनिक स्थलों को 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित किया जाए। शादी समारोह व अन्य आयोजनों में बंद स्थानों में एक समय में 100 से अधिक लोगों की सहभागिता न हो।

‘मास्क और सैनिटाइजर की अनिवार्यता रहे’

निर्देश में कहा गया है कि खुले स्थान पर ग्राउंड की कुल क्षमता के 50 फीसदी से अधिक लोगों के उपस्थिति की अनुमति न दी जाए। मास्क-सैनिटाइज़र की अनिवार्यता रहे। रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू रात 10 से प्रातः 06 बजे तक लागू की जाए (पहले 10 से 5 था)। यह व्यवस्था 06 जनवरी (गुरुवार) से प्रभावी कर दी जाए। प्रदेश के सभी शासकीय, अर्धशासकीय, निजी, ट्रस्ट आदि संस्थाओं, कंपनियों, ऐतिहासिक स्मारक, कार्यालयों, धार्मिक स्थलों, होटल-रेस्त्रां, औद्योगिक इकाइयों में तत्काल प्रभाव से कोविड हेल्प डेस्क क्रियाशील करा दिया जाए। बिना स्क्रीनिंग के किसी को परिसर में प्रवेश न दें।

‘कोविड कमांड सेंटर को सक्रिय किया जाए’

निर्देश में कहा गया है, ‘निगरानी समिति और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को पूरी तरह सक्रिय किया जाए। गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डो में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें। घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित किया जाए। उनकी सूची जिला प्रशासन को दी जाए। जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए।’

 

 

 

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