भ्रष्टाचार के खिलाफ सीएम योगी का बड़ा एक्शन, किया 5 अधिकारियों को सस्पेंड

लखनऊ,

यूपी में सीएम योगी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैया अपना रहे हैं। ताजा मामला ये है कि लखनऊ में योगी सरकार ने 5 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। जिन अधिकारियों पर गाज गिरी है, उसमें पीडब्ल्यूडी हेड और चीफ इंजीनियर मनोज गुप्ता का नाम भी है। विभाग में ट्रांसफरों की अनियमितता के चलते ये कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय पर 18 जुलाई को की गई कार्रवाई के बाद हुई है।

जितिन प्रसाद के ओएसडी पर कार्रवाई के बाद तय था गाज गिरना 

बता दें कि सोमवार को मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी एके पांडेय के खिलाफ कार्रवाई के बाद से यह तय माना जा रहा था कि इस मामले में विभाग के कई बड़े अफसरों पर गाज गिरेगी। मंगलवार को विभागाध्यक्ष इंजीनियर इन चीफ मनोज कुमार गुप्ता और प्रमुख अभियंता (परिकल्प एवं नियोजन) राकेश सक्सेना के खिलाफ कार्रवाई की फाइल मुख्यमंत्री के पास भेजी गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इन दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है।

इसके अलावा स्टाफ आफिसर शैलेंद्र यादव पर ये आरोप लग रहे थे कि ट्रांसफर होने के बाद भी वह लगातार यहीं रहे और तबादले की फाइलों को आगे बढ़ाते रहे। इसीलिए उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारी पंकज दीक्षित और प्रधान सहायक संजय चौरसिया को भी सस्पेंड करने का आदेश दिन में ही जारी कर दिया गया था।

मंत्रियों को सीएम योगी ने दी नसीहत 

इस मामले के सामने आने के बाद सीएम योगी ने अपने मंत्रियों को नसीहत भी दी है। सीएम योगी ने कहा कि वे अपने स्टाफ पर आंख मूंदकर भरोसा ना करें। योगी आदित्यनाथ ऑफिस ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। योगी ने कहा कि मंत्री इस बात पर नजर बनाए रखें कि उनका स्टाफ क्या कर रहा है। अपने ऑफिस और स्टाफ की गतिविधियों पर नजर बनाए रखें। बता दें कि खबरें ये भी सामने आ रही हैं कि कि योगी सरकार में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक और जितिन प्रसाद नाराज चल रहे हैं। हालांकि अभी तक उनकी तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है, जिसको लेकर योगी सरकार की चिंता बढ़े।

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