बोरे बासी : भूपेश बघेल सरकार की मंहगाई पर मास्टर स्टोक जाने कैसे

रायपुर । कुलदीप शुक्ला

सीएम भूपेश बघेल के अपील श्रमिक दिवस पर बोरे बासी खाकर मनाने की बात की जिसका एक पहलु और है वो बढती मंहगाई से लोगों को राहत । 

बोरे बासी से सिर्फ शरीर को लाभ नही मिलेगा , इसका फायदा  वर्तमान अर्थ व्यवस्था पर भी असर करता है। ये मध्यम और श्रमिक और उच्च वर्ग को भी मिलेगा।
जो लोगो सुबह के समय बोरे बासी का सेवन कर ते है, उसे तेल से तला भोजन की आवश्यकता नही होगी ।  सोचो एक परिवार एक माह में दो किलो तेल की बचत बोरे बासी खाकर कर सकता है तो करोड़ परिवार कितने लिटर तेल की बचत कर लेगे।  जिससे अर्थ व्वस्था में सुधार होगी, घर की अर्थ व्वस्था सुधरेगी।

मुख्यमंत्री ने हमसब की सामाजिक-आर्थिक खुशहाली के लिए ऐसा कदम उठा कर बडी पहल की है। छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों सहित सभी जरूरतमंद लोगों के विकास का हरसंभव प्रयास कर रही है।

बोरे बासी छत्तीसगढ के किसान और मजदूर के दैनिक भोजन 

छत्तीसगढ़ में पारम्परिक रूप से मेहनतकशों के दैनिक भोजन का हिस्सा बोरे-बासी रहा है। बोरे बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। गर्मीं के दिनों में शरीर को ठंडा रखने के साथ पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए भी यह रामबाण है।  बघेल ने कहा कि हमारी संस्कृति और परम्पराओं में स्वस्थ जीवन के कई सूत्र और रहस्य छुपे होते हैं, जिसे हमें जानने, पहचानने और अपनाने की जरूरत है।

हमें हमारी युवा पीढ़ी को भी अपने आहार और संस्कृति के प्रति गौरव का अहसास कराना बहुत जरूरी है।  बघेल ने अपील की है कि सभी एक मई को मजदूर दिवस के दिन आमा के अथान और गोंदली के साथ हर घर में बोरे-बासी खाएं और अपनी संस्कृति और  विरासत पर गर्व महसूस करें। छत्तीसगढ प्रदेश को आर्थिक और सामाजिक विकास की रफ्तार तेज हो।

 

 

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