बस्तर दशहरा उत्सव : छत्तीसगढ़ में हरेली अमावस्या पर पटजात्रा की पहली रस्म,अनुष्ठान पूजा-अर्चना किया गया

बस्तर

विश्व प्रसिद्ध 75 दिवसीय बस्तर दशहरा उत्सव छत्तीसगढ़ में पटजात्रा पूजा विधि के साथ शुरू होती हैं, इस साल भी दशहरा की शुरुआत हरेली अमावस्या पर पटजात्रा की पहली रस्म के साथ हुई, पटजात्रा बस्तर दशहरा का पहला महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें माचकोट के जंगल से लाए गए साल के पेड़ की लकड़ी (थुरलू खोटला) की पारंपरिक रूप से दंतेश्वरी मंदिर के सामने ‘पूजा की जाती है।

बस्तर दशहरा के अवसर की पहली लकड़ी को स्थानीय बोली में थुरलू खोटला और टीका पाटा कहा जाता है। बस्तर दशहरा की परंपरा के अनुसार पटजात्रा की पूजा में मांझी-मुखिया बस्तर महाराज की ओर से पूजा सामग्री लेकर सिरहासार पहुंचते हैं और पटजात्रा व अन्य पूजा-अर्चना करते हैं।

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