बजावण्ड में ग्रामीणजनों को नेत्रदान के प्रति किया जागरूक…नेत्र जाँच और चश्मा वितरण मे 40 से अधिक ग्रामीणों को मिला लाभ

जगदलपुर

आँखें हमारे शरीर के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण हैं। यह बहुत ही नाजुक होती है, इसलिए इनकी देखभाल करना जरूरी है। इसी क्रम में इस विषय पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बजावण्ड ग्राम में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया गया। इस दौरान एक दिवसीय नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 30 से अधिक मरीजों की नेत्र संबंधी जांच की गई व कुछ मरीजों को निःशुल्क चश्मे और दवाओं का भी वितरण किया गया। शिविर के दौरान ग्रामीणजनों के नेत्र की जांच, नेत्रदान एवं नेत्र सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का प्रयास भी किया गया।

राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. सरिता ने बताया: “जिले मे प्रत्येक वर्ष 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाता रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों में नेत्रदान के महत्व के बारे में बड़े पैमाने पर जन जागरूकता पैदा करना है। साथ ही लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने के लिए प्रेरित करना है। ताकि किसी के जीवन में प्रकाश आ जाए। इसी उद्देश्य के तहत बजावंड में आज लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक किया गया। बीते दिनों कालीपुर में भी नेत्रदान पखवाड़ा के तहत शिविर आयोजन किया गया था जिसमें 40 से अधिक लोगों की नेत्र जांच एवं 20 से अधिक लोगों को चश्मा वितरण किया गया था ”

नेत्रदान के विषय में आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया: ” प्रायः आमतौर पर लोग सामाजिक एवं धार्मिक मिथक की वजह से अपनी आँखें दान नहीं करते हैं। जबकि एक व्यक्ति के नेत्रदान से दो नेत्रहीन व्यक्तियों की आँखों में रौशनी लेती जा सकती है । इसलिए नेत्रदान को महादान भी कहा जाता है। पंजीकृत नेत्रदान बनने के लिए घोषणा पत्र भरना होता है। कॉर्निया को मृत्यु के 4 से 6 घंटे के भीतर निकाला जाना चाहिए। इसे निकालने में केवल 10 से 15 मिनट लगते हैं तथा चेहरे पर कोई निशान एवं विकृति नहीं होती। नेत्रदान से केवल कॉर्निया से नेत्रहीन व्यक्ति ही लाभान्वित हो सकते हैं।”

नेत्रदान करने हेतु घोषणापत्र नेत्र विभाग (महारानी अस्पताल जगदलपुर), सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं बलिराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय डिमरापाल से प्राप्त किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति के द्वारा जीवन में नेत्रदान की घोषणा न की गई हो, फिर भी उनके रिश्तेदार मृत व्यक्ति का नेत्रदान करा सकते हैं। केवल ऐसे मृत शरीर से ही नेत्रदान लिया जा सकता हैं जिन्हें गंभीर बीमारी नही है। रैबीज, टिटनस, सर्पदंश, जहर, डूबकर या जलकर, फांसी लगाकर, एड्स, हेपेटाइटिस, लेप्रोसी, आंख का कैंसर, ब्लड कैंसर से ग्रसित व्यक्ति का नेत्रदान उपयुक्त नहीं होता है।

नेत्रदान कौन कर सकता है
कोई भी व्यक्ति चाहे, वह किसी भी उम्र, लिंग, रक्त समूह और धर्म का हों, वह नेत्रदान कर सकता है। कम दृष्टि या दूर की दृष्टि के लिए लेंस या चश्मे का उपयोग करने वाले व्यक्ति या जिन व्यक्तियों की आँखों की सर्जरी हुई हों, वह भी नेत्रदान कर सकते हैं। कमज़ोर दृष्टि नेत्रदान के रास्ते में बाधा नहीं है।

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