बच्चों सी किलकारी रख – डॉ आदित्य शुक्ल

बच्चों सी किलकारी रख

थोड़ी सी होशियारी रख, थोड़ी जिम्मेदारी रख।
बड़े हो गये फिर भी मन में, बच्चों सी किलकारी रख।।

धन-धान्य और ज्ञान बहुत है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं।
मान अगर पाना है सबसे, खुद को तू व्यवहारी रख।।

जीवन में ज़रूरत थोड़ी पर, ख्वाहिश उससे ज्यादा है।
चाहत जो रखना है रख ले, मन में ‘कुंज-बिहारी’ रख।।

सुख, साधन, सुविधा स्वतंत्रता, दे दो लेकिन ध्यान रहे।
बच्चों के लालन – पालन में थोड़ी पहरेदारी रख।।

जीवन जीते भूल न जाना, जग से एक दिन जाना है।
न जाने कब आये बुलावा, जाने की तैयारी रख।।

अंधियारे को दूर भगाकर, उजियारा यदि पाना है।
रोज सुबह “आदित्य” मिलेगा, उससे रिश्तेदारी रख।।

डॉ आदित्य शुक्ल (बैंगलोर)

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