प्रभुवर प्यारा नाम है तेरा
तुझसे कब मिलना होगा
दरश हो चुका बहुतों को तेरा
भगवन मुझको कब होगा
लाखों तर गये तेरी कृपा से
ये संत मुनियों का कहना है
तुझे निहारने सब हैं आतुर
दिखता नजरों का उठना है
सद्भावों का हार चढाऊं
मंगलमय जीवन होगा
प्रभु वर प्यारा नाम है तेरा
तुझसे कब मिलना होगा
दरश हो चुका बहुतों को तेरा
भगवन् मुझको कब होगा
संत मुनि नित पखार चरणों को
यूँ ही अमृत पा जाते हैं
वही बखान करके लीला की
झोली भर फल पाते हैं
गम् से घेरे मेघ हटाने
चरणों में आना होगा
प्रभुवर प्यारा नाम है तेरा
तुझसे कब मिलना होगा
दरश हो चुका बहुतों को तेरा
भगवन् मुझको कब होगा
देखे सपने पूरे हो भगवन्
आशा ले शीश झुकाया हूँ
तेरे शरण में हम सब बच्चे
तेरी महिमा गाने आये हैं
कृपाकांक्षी बनने को तेरे
मस्तक हरदम नत होगा
ऐसी करूणा करना भगवन्
पाप रहित हो ये जीवन
स्याह रंग ना हो हृदय का
तेजोमय होवे तन मन
चाकरी में ओ मेरे भगवन्
अर्पण ये जीवन होगा
प्रभु वर प्यारा नाम है तेरा
तुझसे कब मिलना होगा
दरश हो चुका बहुतों को तेरा
भगवन् मुझको कब होगा
अच्छे करम करें हरदम हम
इसकी राह बता देना
ग़र यहाँ वहाँ मन हो जाये
गल्ती पर छिमा हमें देना
जीवन की आखरी बेला पर
दाग रहित शीशा होगा
प्रभु वर प्यारा नाम है तेरा
तुझसे कब मिलना होगा
दरश हो चुका बहुतों को तेरा
भगवन् मुझको कब होगा
तेजपाल सोन (रायपुर)