नाबार्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. चिंतला ने हाट बाजार में किया “रूरल मार्ट” का उदघाटन…जिले के स्व-सहायता समूह की दीदियों को सहारा देने आगे आया

ग्वालियर

स्व-सहायता समूहों में संगठित ग्वालियर जिले की दीदियों द्वारा संचालित आर्थिक गतिविधियों को सहारा देने के लिये राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) आगे आया है। नाबार्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जी आर चिंतला ने शनिवार को यहाँ फूलबाग स्थित संभागीय ग्रामीण हाट बाजार में फीता काटकर “रूरल मार्ट” का उदघाटन किया और महिला स्व-सहायता समूहों की दीदियों को यह रूरल मार्ट सौंपा। साथ ही दीदियों के लिए रेडीमेड गारमेंट पर केन्द्रित जीविकोपार्जन परियोजना का शुभारंभ भी किया। आर्थिक रूप से सशक्त होकर महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिख रहीं ग्वालियर जिले की ग्रामीण महिलाओं की उद्यमशीलता से नाबार्ड अध्यक्ष विशेष रूप से प्रभावित हुए।

संभागीय हाट बाजार में स्थित रूरल मार्ट के जरिए खासतौर पर भितरवार एवं डबरा विकासखण्ड के स्व-सहायता समूहों से जुड़ीं महिलाओं द्वारा अपने उत्पादों की बिक्री की जायेगी। जिले के स्व-सहायता समूहों की लगभग एक हजार महिलायें इस रूरल मार्ट से लाभान्वित होंगीं। इसी तरह जीविकोपार्जन आधारित परियोजना से लगभग 200 महिला एसएचजी सदस्यों का कौशल उन्नयन होगा और वे बड़े पैमाने पर नवीनतम डिजाइन में आकर्षक शर्ट, पेंट, गाउन, फ्रॉक व अन्य रेडीमेड गारमेंट तैयार कर सकेंगीं। जाहिर है उनकी आमदनी बढ़ेगी।

इस परियोजना के तहत स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को नाबार्ड ने सिलाई मशीन, ओवरलॉक मशीन, क्लॉथ कटर, इलास्टिक अटैचिंग, बारटेंडिंग मशीन जैसे महत्वपूर्ण उपकरण उपलब्ध कराए हैं। साथ ही हाट बाजार परिसर के ट्रेनिंग सेंटर में महिलाओं को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।

नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ. चिंतला ग्वालियर जिले की ग्रामीण महिलाओं के स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को देखकर खासे प्रभावित हुए। महिलाओं ने उन्हें वॉश प्रोडक्ट मसलन टॉयलेट क्लीनर, फिनायल, वॉशिंग पाउडर, धागों से बने झूले, पापड़  बनाने की प्रक्रिया और पैकेजिंग की बारीकियाँ बखूबी ढ़ंग से बताईं। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट व जैविक खाद बनाने के तरीके भी बताए। नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ. चिंतला ने ग्रामीण महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि कोविड के कठिन दौर में आम जनता को मास्क व सेनेटाइजर की आपूर्ति करने में महिला स्व-सहायता समूहों ने अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने सहित बैंक लिंकेज के माध्यम से आर्थिक सहायता दिलाने में नाबार्ड से हर संभव मदद मुहैया कराई जायेगी।

इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आशीष तिवारी ने नाबार्ड अध्यक्ष को ग्वालियर जिले के महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा सफलतापूर्वक चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। नाबार्ड के मध्यप्रदेश प्रमुख श्री निरूपम मेहरोत्रा तथा मुम्बई से आए नाबार्ड के कृषियोत्तर विभाग के प्रमुख श्री देवाशीष पाढ़ी तथा अन्य संबंधित अधिकारी इस मौके पर मौजूद थे।

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