छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर देश में सबसे कम इसमें भी भाजपा को पीड़ा हो रही – कांग्रेस

रायपुर,

नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के आरोपों का प्रतिवाद करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ के युवाओं पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति सभी के लिये काम कर रही है तो भाजपा को इसमें पीड़ा हो रही है। आज छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर देश में सबसे कम है तो इस सीएमआईई के सर्वे पर भी नेता प्रतिपक्ष और भाजपा को पीड़ा हो रही है। कांग्रेस सरकार ने 3 साल में ही 5 लाख से अधिक युवाओं के लिये नौकरियों की व्यवस्था की है। सत्ता परिवर्तन के पहले 2018 में जहां राज्य का बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत से ऊपर था मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के तीन साल के कार्यकाल में युवाओं को सरकारी नौकरी में अवसर देने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे हैं अनेक रोजगार मूलक कार्यों के चलते घटकर 0.6 प्रतिशत हो गई है जो राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत से 126 प्रतिशत कम है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण देने के लिये कांग्रेस सरकार प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार ने आरक्षण दिया भी हाईकोर्ट में याचिका के कारण मामला लंबित हो गया है। सरकार हाईकोर्ट के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग की गणना के अधिकृत आंकड़े इक्ट्ठा करने क्वांटीफायबल डाटा आयोग बना कर सर्वे कर रही, शीघ्र ही पिछड़ा वर्ग के लोगों को लाभ मिलेगा। कांग्रेस की सरकार की मंशा साफ है। सभी वर्गो के लोगों का उत्थन इसीलिये कांग्रेस सरकार अनारक्षित वर्ग के लिये भी आरक्षण की व्यवस्था किया है। भाजपा को इसी बात की पीड़ा है कि कांग्रेस हर वर्ग के भले के लिये निर्णय ले रही है। पिछड़ों और वंचितों के संदर्भ में भाजपा का बयान केवल ढोंग और दिखावा है। भाजपा तो केवल मुखौटा है इनको चलाने वाले आरएसएस मोहन भागवत का बिहार चुनाव के दौरान वक्तव्य याद होगा जब उन्होंने कहा था कि अब समय आ गया है आरक्षण की समीक्षा करके उसे खत्म करने का। आर एस एस के बड़े नेता एमजी वैद्य ने भी देश में आरक्षण खत्म करने की वकालत की है। भाजपा के पास बताने को कोई उपलब्धि नहीं है, जनता हिसाब मांग रही है, तो भाजपाई 52 प्रतिशत ओबीसी आबादी को लक्ष्य करके आरक्षण के समर्थक होने का ढोंग करने लगे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रमन राज में 15 साल तक छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिये सरकारी नौकरी दिवास्वप्न बन गयी थी। भाजपा सरकार 15 सालों में पीएससी की 15 परीक्षायें भी नहीं आयोजित करवा पाई थी। व्यापम तो भाजपा राज में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद युवाओं के सरकारी नौकरी में भर्ती के द्वार खोले गये। नियमित और अनियमित दोनों प्रकार की भर्तियां निकाली गयी। राज्य लोकसेवा आयोग के माध्यम से 2885 नौकरियां व्यापम के माध्यम से 4530 नौकरियां, 14580 शिक्षकों की भर्तियां, बिजली कंपनी में 3000 नौकरियां, स्वास्थ्य विभाग में 4000 नौकरियां, पुलिस विभाग में 8292 नौकरियां, राजस्व विभाग में 392 नौकरियां, वन विभाग में 3861 नौकरियां, महिला एवं बाल विकास विभाग में 800 से अधिक भर्तियां, 250,000 विभिन्न विभागों में नियमित भर्तियां की गयी, 44 विभागों में 3155 अनुकंपा नियुक्तियां, चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज 1041 अन्य मेडिकल कॉलेजों में 230 नियुक्ति कृषि उद्यानिकी में 1200 नियुक्तियां इसके अलावा 147000 अनियमित को नियमित कर रोजगार दिया। यह तो सरकारी विभागों के रोजगार है। 30000 निजी क्षेत्रों में कांग्रेस सरकार ने 14 लाख परिवारों को वन के माध्यम से रोजगार से जोड़ा तथा 26 लाख से अधिक लोगों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार दिया गया। 59175 बुनकरों को प्रत्यक्ष रोजगार दिया गया। आने वाले 5 साल में भी राज्य के 15 लाख युवाओं को रोजगार देने के लिये छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन किया गया है।

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