क्या है ‘अग्निपथ’ योजना…. युवा क्यों कर रहे विरोध….आयु सीमा में 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष प्रदान की

नई दिल्ली

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को ‘अग्निपथ’ नाम की योजना शुरू करने की घोषणा की. इसमें चार साल के लिए सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती होगी. योजना के तहत चुने गए युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा और इस साल करीब 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल करने की योजना है. हालांकि केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद से देश के अलग-अलग राज्यों में इसके खिलाफ असंतोष नजर आया है.

‘अग्निपथ’ योजना क्या है ?

केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.

योजना पर सरकार का पक्ष

अग्निपथ योजना को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहुत सकारात्मक पहल बताया है. उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को सेना में भर्ती होने का मौका मिलेगा. इससे देश की सुरक्षा मजबूत होगी और इसे नौजवानों को मिलिट्री सर्विस का मौका देने के लिए लाया गया है. इससे देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. इसके अलावा सेना रहते हुए मिले अनुभव से विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी भी मिल सकेगी.

अग्निपथ योजना के लिए आयु सीमा में 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष .

रक्षा मंत्रालय/ सरकार ने अग्निपथ योजना के लिए ऊपरी आयु सीमा में 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करने के लिए एकमुश्त छूट प्रदान की है। पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है

अग्निपथ योजना पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

केंद्र की इस नई योजना पर रक्षा क्षेत्रों से जुड़े एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है. कुछ ने इसे सकारात्मक बताया है जबकि इसके विरोध में भी राय दी गई है. रिटायर्ड मेजर जनरल शेओनान सिंह ने बीबीसी से कहा कि सेना में किसी को चार साल के लिए शामिल करना पर्याप्त समय नहीं है. चार साल में छह महीने तो ट्रेनिंग में निकल जाएंगे. इन्फैंट्री में काम करने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग की भी जरुरत पड़ेगी.

लेफ्टिनेंट जनरल भिंडर ने माना अग्निपथ योजना सकारात्मक

दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर अग्निपथ योजना को युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर बताया है. आईएएनएस के मुताबिक उन्होंने कहा कि सेना उम्मीदवारों को उनकी योग्यता और प्रतिभा के आधार पर कौशल प्रदान करेगी. चार साल बाद जहां 25 फीसदी उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर सेना में शामिल किया जाएगा. वहीं शेष 75 फीसदी जो समाज में वापस जाएंगे, उन्हें कौशल प्रमाण पत्र दिया जाएगा, ताकि उन्हें अपने कौशल के आधार पर सरकारी या निजी नौकरी मिल सके.’

अग्निपथ योजना के जवानों मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती में प्राथमिकता

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय सेना देश का गौरव है और देशवासियों का अभिमान है. भारतीय सेना के जवान हमारे हीरो हैं, रोल मॉडल हैं. उन्होंने कहा कि जो जवान जो अग्निपथ योजना में सेवाएं दे चुके होंगे, उन्हें मध्य प्रदेश पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.

असम और मणिपुर की नौकरियों में भी अग्निवीरों को अवसर

पूर्वोत्तर के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना शुरू करने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मणिपुर सीएम एन. बीरेन सिंह ने घोषणा की कि चार साल तक बलों की सेवा करने के बाद राज्य पुलिस की नौकरियों में ‘अग्निवीर’ को विशेष वरीयता दी जाएगी.

युवा क्यों कर रहे विरोध

देश के कई राज्यों में युवा इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. बिहार में सबसे अधिक विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला है. सेना में शामिल होने की तैयारियों कर रहे युवाओं का पक्ष है कि वो सालों तक खूब मेहनत कर सेना भर्ती होने की तैयारी करते हैं. ऐसे में चार साल की नौकरी उन्हें मंजूर नहीं है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सरकार से इस योजना को तुरंत वापस लेने की अपील की है.

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