कोरोना से रिकवरी के बाद तेजी से कम होती हैं प्लेटलेट्स काउंट, ना करें लापरवाही

किसी भी वायरल इंफेक्शन के बाद ब्लड प्लेटलेट्स का कम होना आम बात है. ज्यादातर मामलों में इंफेक्शन से ठीक होने के बाद प्लेटलेट्स खुद ही सामान्य स्तर पर आ जाते हैं. हालांकि Covid-19 के सारे मरीजों के साथ ऐसा नहीं देखा जा रहा है. कोरोना के कुछ मरीजों में रिकवरी के कई हफ्तों के बाद तक ब्लड प्लेटलेट्स कम पाए जा रहे हैं. 

ब्लड प्लेटलेट्स जब कई दिनों तक बहुत कम रहते हैं और ऐसी स्थित में मेडिकल हेल्प की जरूरत पड़ती है. सर गंगा राम अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर अतुल गोगिया ने इकोनॉमिक्स टाइम्स को बताया, 'हमने हाल ही में कोरोना से रिकवर हो चुके तीन ऐसे मामले देखे हैं जिनकी ब्लड प्लेटलेट्स 10,000-20,000 के बीच थी. ये बहुत कम है.'

डॉक्टर गोगिया ने बताया कि इसमें से 85 साल के एक मरीज की प्लेटलेट्स 2,000 तक पहुंच गई थी और उसके स्किन से खून बहना शुरू हो गया था. इन कम ब्लड प्लेटलेट्स वाले सारे मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने और स्टेरॉयड देने की जरूरत पड़ी थी. 
 
दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डायरेक्टर डॉक्टर रोमेल टिक्कू ने बताया, 'सामान्य प्लेटलेट की संख्या 1,50,000 से 4,00,000 प्रति माइक्रोलीटर है. कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों में से लगभग 20% लोगों की प्लेटलेट्स संख्या 1,00,000 से 1,50,000 के बीच पाई गई जो कम तो है लेकिन इसमें किसी चिकित्सीय सहायता की जरूरत नहीं है. जब प्लेटलेट्स काउंट 50,000 या इससे कम हो जाएं या मसूड़ों और नाक से खून आ रहा हो तो ये चिंता की बात है.'
 
डांग लैब के संस्थापक और कंसलटेंट माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉक्टर नवीन डांग ने कहा कि उन्होंने ऐसे कई मरीजों को देखा है, जिनमें कोरोना से रिकवर होने के हफ्तों बाद तक ब्लड प्लेटलेट्स 1-1.5 लाख प्रति माइक्रोलीटर के स्तर पर रहता है. ये डरने की बात नहीं है.
 
प्लेटलेट्स सफेद और लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं जो क्लॉटिंग या खून बहने से रोकने में महत्व भूमिका निभाती हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि कोविड के बाद प्लेटलेट काउंट में कमी की कई वजहें हो सकती हैं. जैसे कि इंफेक्शन को ठीक करने वाली और खून को पतला करने वाली दवाएं. 
 
पिछले साल चीन की एक 49 साल की महिला का मामला सामने आया था जिसमें कोरोना से ठीक होने के चार महीनों तक उसका प्लेटलेट काउंट कम रहा. एक्सपर्ट्स कोरोना की वजह इम्यून सिस्टम को हुए नुकसान को बताते हैं. 
 
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक निश्चित संख्या में ब्लड प्लेटकाउंट का होना जरूरी है. लाइफस्टाइल और खान-पान में सुधार करके इसे बिना किसी दवा के घर पर ही सुधारा जा सकता है. पपीता, पालक, कीवी, टमाटर और बोक्रली जैसे फल और सब्जियां प्लेटलेट्स काउंट को तेजी से बढ़ाती हैं.
 

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