भोपाल
31 जुलाई तक तबादले के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई छूट के 18 दिन बीतने के बाद भी राजस्व विभाग यह तय नहीं कर सका है कि राजस्व अधिकारियों तहसीलदार, नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षकों के तबादले की नीति क्या रहेगी? कितने अफसरों को स्थानांतरित किया जाएगा और उसके लिए क्राइटेरिया क्या तय होगा? राजस्व मंत्री द्वारा इसके लिए प्रक्रिया का अनुमोदन नहीं किये जाने के कारण अब तक विभाग में तबादले के लिए आदेश की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है जबकि दूसरे विभागों ने तबादले करना शुरू कर दिया है।
राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने विभाग में तबादले को लेकर प्रमुख सचिव और विभाग के अफसरों के साथ चर्चा के बाद अब तक यह तय नहीं किया है कि विभाग में विभिन्न पदों के लिए तबादले का क्या प्रतिशत और क्राइटेरिया होगा। अफसरों के मुताबिक संभावना है कि इस सप्ताह इस पर नीति बन जाएगी। इसके बाद अंतिम सप्ताह में ही तबादले किए जा सकेंगे। इन हालातों में विभाग के पास तबादले के लिए आनलाइन और आफलाइन आवेदन पहुंच रहे हैं लेकिन तबादले नहीं हो पा रहे हैं। विभाग के अपर आयुक्त भू अभिलेख ने सहायक अधीक्षक और अधीक्षक भू अभिलेख, डाटा एंट्री आपरेटर के तबादले और पटवारियों की संविलियन नीति को जरूर मंजूरी दे दी है। इसके लिए तय व्यवस्था के आधार पर आवेदन विभाग प्रमुखों तक पहुंच रहे हैं।
उधर पटवारियों के लिए जारी की गई नई संविलियन नीति में नियुक्ति से तीन साल पहले के कर्मचारियों को अंतर्जिला संविलियन की अनुमति नहीं है लेकिन विशेष परिस्थितियों में कुछ को राहत देने के लिए प्रावधान किया गया है। ऐसे पटवारी जिनके पति, पत्नी, यदि शासकीय कर्मचारी हैं उनकी एक ही जिले में पदस्थापना के मामले में तीन साल से पहले स्थानांतरित किया जा सकेगा। विवाहित महिला या विधवा/तलाकशुदा, परित्यक्ता महिला पटवारी अथवा गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, किडनी डायलिसिस, ओपन हार्ट सर्जरी से ग्रसित पटवारी या पटवारी के परिवार में कोविड बीमारी से माता-पिता, पति, पत्नी की मृत्यु के मामले में तीन साल के पहले अंतर्जिला संविलियन की छूट रहेगी। पटवारी जिनके विरुद्ध लोकायुक्त में या अपराधिक केस दर्ज है, वे अपात्रता की श्रेणी में आएंगे।