रायपुर
छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय कवि राजेश जैन ‘राही’ ने लॉकडाउन के विषम काल में प्रभु श्रीराम चरित अपने छंदों में लिखा है जो उनके खण्ड-काव्य ‘रग-रग में हैं राम’ के नाम से निखिल पब्लिसर्स, आगरा ने प्रकाशित किया है। प्रस्तुत खण्ड-काव्य सात अध्यायों में समाहित 109 छंदों में लिखा गया है। इस कृति में प्रभु श्री राम के वनवास काल में छत्तीसगढ़ के प्रसंगों पर भी छंद लिखे गए हैं | खण्ड-काव्य हेतु अपनी शुभकामनाएँ मानस-मर्मज्ञ पं. विजय शंकर जी मेहता (उज्जैन) ने दी हैं। अपना कीमती अभिमत प्रख्यात भाषाविद् चित्तरंजन कर एवं प्रो. जे.बी.पाण्डेय (राँची) ने व्यक्त किया है। प्रस्तुत खण्ड-काव्य में रामचरितमानस के सभी प्रमुख प्रसंगों को श्री ‘राही’ ने घनाक्षरी छंदों में लिखा है जो बेहद मनभावन हैं। इससे पूर्व इनकी सात काव्य-कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। राही ने बताया कि उचित अवसर पर कृति का विमोचन होगा।