इंदौर
कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए परिवहन विभाग ने एक नई पहल की है, जिसमें नंदानगर में स्थित ड्राइविंग प्रशिक्षण केन्द्र में जोखिम वाले वाहनों के चालकों को ऑक्सीजन टैंकर के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है। पांच दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में चालकों को आक्सीजन प्लांट का निरीक्षण भी करवाया जाएगा। इंदौर प्रदेश का ऐसा पहला शहर होगा जहां पर 35 आक्सीजन टैंकर के चालक बैकअप में होंगे, जिससे आपातकालीन समय में परेशानी नहीं होगी।
एआरटीअो अर्चना मिश्रा ने बताया कि इस रिफ्रेशर कोर्स के लिए हमने इन्कस कंपनी से टैंकर उपलब्ध करवाने का कहा था, जिसने हमें गुरुवार को हमें टैंकर दे दिया। इसके बाद 35 चालकों को ट्रैनिंग दी गई है। यह लोग यहां पर पेट्रोलियम टैंकर चलाने के प्रशिक्षण के लिए आए थे, लेकिन हमने इन्हें आक्सीजन टैंकर के बारे प्रशिक्षण दिया है। सोमवार को यह लोग पीथमपुर स्थित आक्सीजन के प्लांट का निरीक्षण भी करेंगे। इस दौरान आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी और संभागीय उपायुक्त सपना जैन भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि दूसरी लहर में प्रदेश भर में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए परिवहन विभाग ने कंट्रोल रूम बनाया था, जिसकी कमान इंदौर के अधिकारियों के हाथ में थी। उस समय चालकों की काफी समस्या आई थी। कई बार चालकों ने लगातार वाहन चलाए थे। प्रदेश की सीमा में घुसते ही टैंकरों की पायलेटिंग और चालकों के भोजन का इंतजाम भी विभाग ने किया था।
गर्म हुआ तो खराब हो जाएगी आक्सीजन
संस्थान के अनिल शर्मा ने बताया कि हम चालकों को आक्सीजन टैंकर चलाने से लेकर, उसके देख रेख तक की ट्रैनिंग देंगे। पहले दिन उन्हें बताया गया है कि अगर टैंकर ज्यादा गर्म होता है तो आक्सीजन खराब हो जाती हैं। पाइप में बर्फ जम सकती है, इसलिए इसका ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा इसे चलाने में भी विशेष ध्यान रखना होता है, जिसमें इसे सुरिक्षत ढंग के चलाने और समय पर पहुंचने का भी दबाव होता है।