आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर राष्ट्रीय कवि संगम रायपुर इकाई की गोष्ठी सम्पन्न

रायपुर,
स्वतंत्रता दिवस के 75 वीं वर्षगाँठ (आजादी का अमृत महोत्सव) के उपलक्ष्य पर दिनांक 14 अगस्त दिन रविवार को दोपहर 3:30 बजे से श्री राम मंदिर ( वी. आई. पी. चौक ) के सभागार में राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई रायपुर के द्वारा काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में 1971 जंग के नायक कर्नल जंग शमशेर सिंह कक्कड़ जी विशिष्ठ अतिथि के रूप में  कारगिल योद्धा विजय कुमार डागा, राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय सह महामंत्री  महेश शर्मा, प्रांतीय अध्यक्ष योगेश अग्रवाल, प्रांतीय महामंत्री उर्मिला देवी उर्मि एवं प्रांतीय कोषाध्यक्ष शरद साहू की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम अतिथिओं को मंचासीन करने के उपरांत माँ वीणापाणि के चरणों में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्य्रकम का गणेश किया गया उनसे बाद हर्ष व्यास जी द्वारा सरस्वती वंदना की गई, महामंत्री उर्मिला देवी उर्मि द्वारा भारत माता की आरती की गई फिर प्रांतीय अध्यक्ष योगेश अग्रवाल द्वारा स्वागत के दो शब्द बोले गए फिर उसके बाद काव्यगोष्ठी को गति प्रदान करते हुए श्रवण चोरनले “श्रवण” ने कारगिल के युद्ध पर कविता सुनाई , रौशन कुमार ने कहा विषम परिस्थिति, वीरों का संघर्ष भूल मत जानासीने में गोली और गर्व से ऊंचा भाल याद रखना ! याद है वो जीत,जश्न, शान से लहराता तिरंगा, वो सुनी मांग, बेबस राखी के थाल याद रखना !
अनुराग तिवारी ने कहा युगों युगों का ज्ञान समेटे ग्रंथ हमारे पास हैं वन्य संप्रदा और औषधि के हम ही विद्वान हैं, चरक विवेक नंद जैसे युग पुरुषों की ये ख़ान और देव देवता भी करते इस धरती का बखान शुभम चौधरी “समर्थ” ने कहा
लड़ रहा था कल वो मेरा आज़ाद था। भगत था तभी ज़िंदा इन्कलाब था। लाऊ कहा से आज़ाद भगत जो पिंजरे में अब कैद हैं। लूट रही आबरूह मेरी मर रहे मेरे बच्चे अनेक हैं।
फिर से आज मैं चीखती हुई पुकार हूं। देख ले तू मुझको मै फिर तेरी गुलाम हूं। प्रवीण डहरवाल ने अभिनन्दन पर कविता सुनाई, प्रणय अवधिया ने भगतसिंह पर कविता पढ़ी हर्ष व्यास ने तिरंगें के तीनों रंगों के अलाव भी बहुत सारे रंगों का वर्णन अपनी कविता में किया जयेन्द्र कौशिक ने कहा केशरिया की राखी ला दो, श्वेत ह्रदय से मुझको बांधों, हरित धरा की लाज बचाऊँ, चौबीस घण्टे जान लगा दूँ, अर्पण कर दूँ दिन और रैना | रिक्की बिंदास ने कहा मौका पाते ही वो ब्रिटिश सिपाहियों को बिल्ली बन नोचा करते थे, लाहौर में बैठकर रात दिन दिल्ली का सोचा करते थे , मगर आजादी मिलते ही इन्होंने श्मशान बना डाला, दिल्ली से लाहौर तक एक था स्थान इन्होंने दो टुकड़े कर पाकिस्तान बना डाला।
इसके बाद यशवंत यदु यश ने पढ़ा सर्जिकल स्ट्राइक होते रहना चाहिए, अंतिम में जिला अध्यक्ष लोकनाथ साहू “ललकार”  द्वारा दिल तुझे दिया है माँ जान तुझे देंगें हम कविता पढ़कर वातावरण को ओजमाय कर दिया गया ततपश्चात अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया कार्यक्रम का आभार पदर्शन लोकनाथ साहू ललकार द्वारा किया गया कार्यक्रम का संचालन जयेन्द्र कौशिक “जय” एवं अनुराग तिवारी द्वारा किया गया कार्यक्रम में हरिराम यदु,  रामजीवन यदु, मनोज साहू ,विरेन्द्र चंद्रवंशी , पूजा चंद्रवंसी , मधुकर राय , पुष्पेंद्र ढहरताल, प्राची मोदी , मधुलिका ढहरताल, सुशांत ढहरताल , अनिल मंत्री जी, एस. के. तिवारी।

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