अयोध्या में राम मंदिर के कपाट आम जनता के लिए खुले, स्थानीय और अन्य राज्य के बड़ी संख्या में श्रद्धालु सोमवार देर रात ही मंदिर परिसर की ओर जाने वाले राम पथ पर मुख्य द्वार के समीप एकत्रित हो गए

अयोध्या (उप्र) ll  अयोध्या में राम मंदिर के कपाट मंगलवार को आम जनता के लिए खुल गए। एक दिन पहले इस नवनिर्मित मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ की गयी थी। स्थानीय और अन्य राज्य के लोगों समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु सोमवार देर रात को ही मंदिर परिसर की ओर जाने वाले राम पथ पर मुख्य द्वार के समीप एकत्रित हो गए।

प्राण प्रतिष्ठा के लिए फूलों से सजाए गए द्वार के समीप बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर पुलिस ने श्रद्धालुओं को बताया कि मंदिर मंगलवार से खुलेगा। भगवान राम के चित्र वाले झंडे लेकर और “जय श्री राम” के नारे लगाते हुए, श्रद्धालु कड़कड़ाती ठंड में भव्य मंदिर के दरवाजे खुलने से पहले घंटों तक इंतजार करते रहे। आम जनता के लिए मंदिर के दरवाजे मंगलवार सुबह खुल गए।

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पंजाब से आये एक श्रद्धालु मनीष वर्मा ने कहा “बहुत खुशी महसूस हो रही है, मेरे जीवन का उद्देश्य पूरा हो गया है। हमारे पूर्वजों ने इसके लिए संघर्ष किया और इसे साकार किया गया है। व्यवस्था इसी तरह जारी रहनी चाहिए और भगवान राम का नाम युगों-युगों तक कायम रहना चाहिए।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सोमवार को अयोध्या के मंदिर में रामलला की नयी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर को एक नए युग के आगमन का प्रतीक करार दिया और लोगों से मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर अगले 1,000 वर्षों के मजबूत, भव्य और दिव्य भारत की नींव बनाने का आह्वान किया।

मोदी ने ‘गर्भगृह’ में अनुष्ठान करने के बाद कहा था “22 जनवरी, 2024, केवल कैलेंडर में एक तारीख नहीं है, बल्कि एक नए युग के आगमन की शुरुआत है।” प्रधानमंत्री ने भगवान राम के बाल स्वरूप की 51 इंच ऊंची मूर्ति के सामने भी माथा टेका ।

आम जनता के लिए मंदिर के दरवाजे मंगलवार को सुबह खुल गए। हालांकि मंदिर के बाहर लंबी कतारों में वे लोग इंतजार कर रहे हैं जो प्रतिष्ठा समारोह से पहले से ही अयोध्या में डेरा डाले हुए हैं, जिन्होंने मंदिर शहर तक पहुंचने के लिए लंबी और कठिन यात्राएं की हैं। बिहार के मधेपुरा जिले के रहने वाले नीतीश कुमार 600 किलोमीटर से ज्यादा साइकिल चलाकर अयोध्या पहुंचे।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि “बहुत भीड़ है लेकिन मुझे उम्मीद है कि मुझे आज दर्शन करने का मौका मिलेगा। मेरी इच्छा पूरी होने पर मैं वापस अपनी यात्रा शुरू करूंगा। हालांकि मैं सोमवार को मंदिर नहीं जा सका।” राजस्थान के सीकर के अनुराग शर्मा को प्रतिष्ठा समारोह के दिन मंदिर का मॉडल लेकर घूमते देखा गया।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ”मैं इस मॉडल को अपने गृहनगर से अपने साथ लाया था। मैं उद्घाटन उड़ान से अयोध्या पहुंचा और तब से यहीं हूं। मैं राम लला के दर्शन करने के बाद ही वापस जाऊंगा।” लोगों के समूहों को सजे हुए राम पथ से गुजरते हुए मंदिर की ओर बढ़ते देखा जा सकता है।

पदयात्रा करने वाले आठ सदस्यीय समूह के सदस्य सुनील माधो ने कहा, “राम लला ने हमें छत्तीसगढ़ से अयोध्या तक पूरे रास्ते चलने की शक्ति दी और अब वह ही हमें इस भीड़ से निकालेंगे ताकि हम उनका आशीर्वाद ले सकें।” कुछ दिन पहले अयोध्या पहुंचे महाराष्ट्र के मूल निवासी गोपाल कृष्ण भी सुरक्षा जांच की ओर बढ़ते हुए घनी भीड़ में धक्का-मुक्की करने लगे।

उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि “हम कुछ दिन पहले यहां आए थे क्योंकि भगवान राम ने हमें बुलाया था। लोग हमें यात्रा न करने के लिए कह रहे थे, क्योंकि पुलिस यात्रा पर प्रतिबंध लगा देगी और होटलों में कमरे उपलब्ध नहीं होंगे। हम एक आश्रम में रह रहे हैं और इसी दिन का हम इंतजार कर रहे थे।”

उनके साथ कुछ दोस्त भी थे जिनके साथ उन्होंने चार पहिया वाहन से अकोला जिले से अयोध्या तक की यात्रा की।फूलों और रोशनी से सजाए गए मंदिर के द्वार भक्तों के लिए सेल्फी स्पॉट में बदल गए।

मंदिर परिसर के अंदर और बाहर जाते समय भक्तों ने “जय श्री राम” के नारे लगाए। मुख्य मंदिर के अंदर, इसके भव्य हॉल में “जय श्री राम” के नारे गूंज उठे।

पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर परिसर पूर्व से पश्चिम तक 380 फुट लंबा, 250 फुट चौड़ा है और ‘शिखर’ तक इसकी ऊंचाई 161 फुट है। यह 392 स्तंभों पर आधारित है और इसमें 44 दरवाजे हैं।

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