सहकारी बैंक को व्यवसायिक बैंकों की भांति विकसित करें : बैजनाथ चन्द्राकर

सहकारी बैंकों के अधिकारियों को बिजनेस डाइवर्सिफिकेशन के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण

रायपुर, 

छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों तथा सहकारी बैंकों के व्यवसाय विकास योजना (बीडीपी) तथा बिजनेस डाइवर्सिफिकेशन पर केन्द्रित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज यहां अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चन्द्राकर और नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. रविन्द्र के विशिष्ट आतिथ्य में किया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि सहकारी बैंक को व्यवसायिक बैंक की भांति नागरिकों को सुगम सुविधा प्रदाय कर सकें। यह प्रशिक्षण अपेक्स बैंक द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ सहकारी प्रशिक्षण संस्थान और बैंकर ग्रामीण विकास संस्थान (बर्ड) कोलकाता के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जा रहा है।

प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ करते हुए अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री बैजनाथ चंद्राकर ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को छत्तीसगढ़   में आगे ले जाने का जो अभियान प्रारंभ हुआ है, उसका श्रेय छŸासगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को जाता है। आज छत्तीसगढ़ की सहकारी संस्थाओं में नई सोच तथा नये उत्साह के साथ कार्य हो रहे है। सहकारिता आंदोलन को बढाने के लिए नियमित तौर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आवश्यक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों की ऋणमाफी योजना देश के इतिहास में सबसे बड़ी ऋण माफी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार द्वारा सहकारी बैंकों एवं सहकारी समितियों के 30 नवम्बर 2018 पर बकाया समस्त अल्पकालीन कृषि ऋण माफ कर दिया गया।

इसी तरह राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बीते दो वर्षों में 12900 करोड़ रूपए राज्य के किसानों को आदान सहायता के रूप में दिए गए हैं। खरीफ फसलों, लधु धान्य फसलों, उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है।  चन्द्राकर ने कहा कि राज्य में 2484 धान उपार्जन केद्रों में कम्प्यूटरीकृत धान खरीदी की जा रही है।

देश में छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है जहां गौठानों में गोबर खरीदी की जा रही है। इन गोठानों को रूलर इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा कोदो-कुटकी-रागी की फसलों की उपज समर्थन मूल्य में लघुवनोपज सहकारी संघ के माध्यम से खरीदने का निर्णय लिया गया है। गतवर्ष 2.76 करोड़ की खरीदी की गई। राज्य शासन द्वारा 65 प्रकार के लघुवनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है।

नाबार्ड मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. रविन्द्र ने कहा कि कृषि एवं सहकारी सेक्टर में बिजनेस डाइवर्सिफिकेशन आज की आवश्यकता है और इसके लिए प्रशिक्षण आवश्यक है। छत्तीसगढ़ में हार्टिकल्चर, फिशरीज, मशरूम की खेती में संभावनाएं बहुत है। पैक्स स्तर पर फार्मेस सर्विस सेंटर खोलने से किसानों को खेती मे सुविधा होगी।

अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक  के. एन. कान्डे ने कहा छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक का गठन नवम्बर 2000 में किया गया था। प्रदेश में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के अलावा 6 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक है। प्रदेश में इन बैंकों की 320 शाखाएं है। इन शाखाओं से 2058 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां है।

इन प्राथमिक सहकारी समितियों से 27.42 लाख किसान सदस्य है। जिसमें से 16.67 लाख किसान क्रेडिट होल्डर है। किसानों की सुविधा को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा उपार्जन केन्द्रों की संख्या बढ़ाकर 2484 कर दी गई है। धान खराब न हो इसके लिए 1343 गोदाम, 725 नवीन सहकारी समितियों में शेड-कम गोडाउन/चबूतरों का निर्माण कराया गया है। इन समितियों में 12736 चबूतरा का निर्माण कराया गया है।

इस अवसर पर संयुक्त संचालक बर्ड कोलकाता श्रीमति अर्चना सिंग, बर्ड कोलकाता की विषय विशेषज्ञ श्रीमति भावना पाल, नाबार्ड महाप्रबंधक महेश गोयल, आंध्रप्रदेश को-आपरेटिव्ह बैंक प्रबंध संचालक आर. श्रीनाथ रेडडी, आंध्र प्रदेश से महाप्रबंधक बी. दिनेश, अपेक्स बैंक डीजीएम एवं प्राचार्य भूपेश चंद्रवंशी, अपेक्स बैंक एजीएम  एल.के. चौधरी, अजय भगत एजीएम व शाखा प्रबंधक पंडरी, प्रबंधक जी. एस. ठाकुर, प्रबंधक अभिषेक तिवारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के सीईओ रायपुर एस.के. जोशी, जगदलपुर आर. ए. खान, अंबिकापुर एस.के. वर्मा, बिलासपुर  प्रभात मिश्रा, अपेक्स बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों के शाखा प्रबंधक उपस्थिति थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here