World Snake : दुनिया में पर्यावरण के लिए सांपों का संरक्षण जरूरी .

World Snake Day 16 July  : साँप, सरीसृप वर्ग का प्राणी है। यह जल तथा थल दोनों जगह पाया जाता है। इसका शरीर लम्बी रस्सी  के समान होता है जो पूरा का पूरा स्केल्स से ढँका रहता है। साँप के पैर नहीं होते हैं। यह निचले भाग में उपस्थित घड़ारियों की सहायता से चलता फिरता है। इसकी आँखों में पलकें नहीं होती, ये हमेशा खुली रहती हैं। साँप विषैले तथा विषहीन दोनों प्रकार के होते हैं। इसके ऊपरी और निचले जबड़े की हड्डियाँ इस प्रकार की सन्धि बनाती है जिसके कारण इसका मुँह बड़े आकार में खुलता है। इसके मुँह में विष की थैली होती है जिससे जुडे़ दाँत तेज तथा खोखले होते हैं अतः इसके काटते ही विष शरीर में प्रवेश कर जाता है।

दुनिया में साँपों की कोई 2500-3000 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। जिनमे से भारत में सांपों की लगभग 270 प्रजातियां पायी जाती हैं। जिनमें से लगभग 50 ही ऐसी प्रजातियां हैं जो जहरीली है। इनमें से सिर्फ 15 ऐसी प्रजातियां हैं जिनके काटने से इंसान की जान जा सकती है। जहरीले सर्प के सिर में जहरीला संचालक तथा ऊपरी जबड़े में एक जोड़ी जबड़े पाये जाते है । बिषहीन सर्पो के काटने पर अनेको छोटे गड्ढे सेमि सरकल में पाये जाते है। जबकि बिषाक्त सर्पो में केवल दो गहरे गड्ढे पाये जाते है। इसकी कुछ प्रजातियों का आकार 10 सेण्टीमीटर होता है जबकि अजगर 25 फिट तक लम्बा होता है। साँप मेढक, छिपकली, पक्षी, चूहे तथा दूसरे साँपों को खाता है। यह कभी-कभी बड़े जन्तुओं को भी निगल जाता है।

देश के कई हिस्सों में मानसून ने दस्तक दे दी है। बारिश शुरू होने के साथ ही घरों में सांप-बिच्छू जैसे जीवों के घुस आने की समस्या बढ़ जाती है। सांप से बचने के लिए उसे भगाने की बजाए लोग अक्सर उसे मार देते हैं। जबकि थोड़ी सी समझदारी से हम सांप को मारे बिना उससे बच सकते हैं। छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रही नोवा नेचर सोसाइटी के सेक्रेटरी मोइज अहमद कहते हैं कि सांप एक जहरीला जीव है, उससे डरना लाजिमी है लेकिन उसे मारना सही नहीं है।
क्यों जरूरी है सांपों का संरक्षण
भारत में पाए जाने वाले सांपों में 20 प्रतिशत ही जहरीले होते हैं, बाकी 80 प्रतिशत जहरीले नहीं होते हैं। उन्होंने बताया कि सांपों को बचाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ये प्रकृति के भोजन चक्र का सबसे अहम हिस्सा हैं, पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि भारत कृषि प्रधान देश है, यहां पाए जाने वाले चूहे फसल का पांचवां हिस्सा चट कर देते हैं। हमारे खेतों में पाए जाने वाले नाग और धामन सांप इन चूहों का शिकार करते हैं जिससे हमारे फसल सुरक्षित रहते हैं। इसलिए सांपों का संरक्षण जरूरी है।
  सांपों की प्रजाति

1. स्पेक्टेकल कोबरा (Spectacled Cobra) इस सांप का जहर शिकार के तंत्रिका तंत्र को पंगु बना देता है. शरीर को लकवा मार जाता है. इसके काटने से मुंह से झाग निकलने लगता है और आंखों की रोशनी धुंधली हो जाती है. समय पर उपचार न मिलने पर इसका शिकार अंधा हो जाता है और अंततः मर जाता है. एक वयस्क नाग की लंबाई 1 मीटर से 1.5 मीटर (3.3 से 4.9 फिट) तक हो सकती है.

2. मोनोकल्ड कोबरा (Monocled Cobra) ये एक लंबा विषधर सांप है. इसकी लम्बाई 5.6 मीटर तक होती है. सांपों की ये प्रजाति दक्षिणपूर्व एशिया और भारत के कुछ भागों में खूब पायी जाती है. एशिया के सांपों में ये सर्वाधिक खतरनाक सापों में से एक है.

3. रसेल वाईपर (Russel’s Viper) रसेल वाईपर को भारत में ‘कोरिवाला’ के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि ये इंडियन क्रेट से कम जहरीला है, फिर भी ये सांप भारत का सबसे घातक सांप है. ये बेहद गुस्सैल सांप बिजली की तेजी से हमला करने में सक्षम है. इसके काटने की वजह से भारत में हर साल करीब 25,000 लोगों की मौत हो जाती है.

4. कॉमन करैत (Common Krait) कॉमन करैत सांपों की ऐसी प्रजाति है, जो अक्सर भारत के जंगलों में पायी जाती है. ये बेहद विषैला सांप है. भारत के सबसे खतरनाक चार सांपों में से एक है. इस किंग कोबरा से भी जहरीला सांप कहा जाता है.

5. बेंडेड करेत (Banded Krait) धारीदार करैत भारत, बांग्लादेश और दक्षिणपूर्व एशिया में पाया जाने वाला विषधर सांप है. ये एक जहरीला सांप है, जो विषहीन सांपों का भक्षण कर उनकी संख्या को नियंत्रित रखते हुए जैव विविधता में महत्वपूर्ण योगदान देता है.

6. ब्लैक करेत (Black Krait) ये भारत का सबसे घातक साइलेंट किलर सांप है. करेत की लंबाई अधिक होती है. ये सांप आमतौर पर काले या नीले रंग का होता है. इसमें लगभग 40 पतली सफेद धारियां होती हैं, जो शुरुआत में नजर नहीं आती. लेकिन इसके बड़े होने के साथ-साथ गहरी होती जाती हैं.

7. इंडियन रैट स्नेक (Indian Rat Snake) इंडियन रैट स्नेक जिसे आम बोलचाल की भाषा में धामन भी कहा जाता है. ये सांप भारत के बहुत ही कम हिस्सों में पाया जाता है, छत्तीसगढ़ जिनमें से एक है. काम के दौरान अक्सर लोग इस सांप का शिकार बन जाते हैं. ये सांप खेतों, कम झाड़ी वाले जंगलों और आबादी वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं.

8. कॉमन वोल्फ स्नेक (Common Wolf Snake) ये सांप बहुत ही ताकतवर और डरावने होते हैं. इनकी स्किन डार्क ब्राउन रंग की होती है और इन पर काले रंग की धरियां बनी रहती है. बहुत ही भयानक से दिखने वाले ये सांप बिल्कुल भी जहरीले नहीं होते. लेकिन जकड़ने में ये बहुत ही माहिर होते हैं.

9. बैरेड वोल्फ स्नेक (Barred Wolf Snake) इस सांप को उसकी एक खासियत की वजह से वोल्फ स्नेक नाम दिया गया है। वोल्फ सांप बहुत ही ताकतवर और डरावने होते हैं। इनकी स्किन डार्क ब्राउन रंग कर होती है और इन पर काले रंग की धरियां बनी रहती हैं। बहुत ही भयानक से दिखने वाले ये सांप बिल्कुल भी जहरीले नहीं होते.

10. चेकर्ड कीलबैक (Checkered keelback) वॉटर स्नेक के नाम से फेमस ढोर सांप की औसतन लंबाई आमतौर पर ज्यादा नहीं होती है. मानसून में ये ज्यादातर किड़े-मकौड़े को खाने बाहर आते हैं. ये बिल्कुल भी विषैले नहीं होते हैं.

11. स्ट्रिपड कीलबैक (Striped Keelback)12. कॉमन सैंड बोआ (Common Sand Boa) 13. रेड सैंड बोआ (Red Sand Boa)14. बर्मी पायथन (Burmese Python)15. ब्राह्ममीनी वार्म (Brahminy Worm)16. ब्रान्ज़ बैक ट्री स्नेक (Bronze Back Tree Snake) 17. कॉमन खुकरी (Common Khukri)18. कॉमन कैट स्नेक (Common Cat Snake)

घर में सांप घुस आए तो क्या करें
  • यदि घर में सांप घुस आए तो सभी तरफ मिट्टी तेल या फिनाइल छिड़क दें, उसकी स्मेल सूंघकर सांप खुद-ब-खुद बाहर निकल जाएगा।
  • एक लंबा डंडा लेकर सांप के सामने रखें, सांप उसमें चढ़ जाएगा इसके बाद उसे उठाकर बाहर निकालें और घर से दूर ले जाकर छोड़ दें।
  • सांप एक ऐसा जीव है जो दीवार बाउंड्री के किनारे रेंगता है, जिस जगह पर सांप हो उससे थोड़ी दूर पर पाइप से बोरा बांधकर रख दें, सांप जब बोरे में घुस जाए तो बोरा बांधकर दूर जंगल में ले जाकर छोड़ दें।
दिखे सांप तो करें फोन
नोवा नेचर सोसाइटी छत्तीसगढ़ में 2005 से काम कर रही है, सोसाइटी ने अब तक प्रदेश के विभिन्न शहरों से 15 प्रजाति के 3000 से ज्यादा सांप रेस्क्यू किए हैं। नोवा नेचर छत्तीसगढ़ की एकमात्र संस्था है जिसे सांप पकड़ने की अनुमति मिली है, बिना अनुमति सांप पकड़ना गैर कानूनी है। संस्था के लोग एक कॉल पर सांप पकड़ने पहुंचते हैं। छत्तीसगढ़ में सांप दिखे तो इन नंबरों पर फोन किया जा सकता है: रायपुर- 9303345640, 9329100065, 9300525486, नया रायपुर-9826117561, दुर्ग-भिलाई- 999 3454757, जशपुर- 9300851869.
सांप काटें तो क्या करें 
  • छत्तीसगढ़ में संजीवनी 108 की लगभग सभी वाहनों में एंटी वेनम उपलब्ध हैं, सांप काटने पर सबसे पहले 108 को कॉल करें।
  • सांप के काटने पर पीड़ित को शांत रहना चाहिए, पैनिक करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिससे जहर तेजी से शरीर में फैलता है। इसलिए मेडिकल मदद के पहुंचते तक पीड़ित को शांत रहना चाहिए।
  • शरीर के जिस हिस्से पर सांप ने काटा हो उसे स्थिर रखें।
  • सांप काटने के बाद घाव को धोने, घरेलू इलाज करने में समय नष्ट करने की बजाए उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाएं।
  • काट कर चूसने जैसे उपाय न करें, न ही दबाव डालने वाली पट्टी बांधें। ये दोनों बिलकुल भी कारगर नहीं हैं। ज्यादातर मामलों में हमें लगता है कि ये उपयोगी हैं क्योंकि हमारे आसपास पाए जाने वाले ज्यादातर सांप कम जहरीले होते हैं। इन विधियों के अपनाने से कई बार पीड़ित को ज्यादा ब्लीडिंग हो जाती है जिससे उसकी मौत हो सकती है, साथ ही इससे इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है।

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