कोलकाता
पश्चिम बंगाल चुनाव के दूसरे चरण से ठीक पहले सत्ताधारी टीएमसी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने चुनाव आयोग को खत लिखकर उनकी बांग्लादेश यात्रा को चुनाव आचार संहिता के खिलाफ बताया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाने की मांग की है। टीएमसी इस बात से खफा है कि पीएम मोदी इस यात्रा पर बंगाल के एक भाजपा सांसद को अपने साथ बांग्लादेश क्यों लेकर गए थे। तृणमूल का आरोप है कि पीएम मोदी की यह यात्रा बंगाल के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग पैटर्न को जानबूझकर प्रभावित करने के लिए हुई है। बड़ी बात ये है कि टीएमसी ने पीएम के खिलाफ जो चिट्ठी लिखी है, उसकी भाषा बहुत ही सख्त है।
चुनाव प्रभावित करने के लिए ओराकांडी दौरा-टीएमसी टीएमसी खासकर पीएम मोदी के बांग्लादेश के ओराकांडी जाने को लेकर नाराज है और उसका आरोप है कि इसकी योजना जानबूझकर बंगाल के कुछ इलाकों के वोटरों को प्रभावित करने के लिए बनाई गई है। पार्टी की शिकायत है कि ओराकांडी जाने का मकसद सियासी था, क्योंकि वो अपने साथ बंगाल के भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर को भी लेकर गए थे। चुनाव आयोग को भेजी चिट्ठी में टीएमसी ने कहा है कि वो भारत सरकार में किसी भी पद पर नहीं है और प्रधानमंत्री के साथ बांग्लादेश यात्रा में शामिल होने के लिए तृणमूल कांग्रेस या किसी भी दूसरी पार्टी के सांसद या प्रतिनिधियों को आमंत्रिणत नहीं किया गया था। पीएम के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की मांग टीएमसी का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी जमीन से पश्चिम बंगाल के चुनाव में दखलंदाजी करने के लिए अपने पद का घोर दुरुपयोग किया है।
इसीलिए,ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस भारतीय चुनाव आयोग से ना सिर्फ उन्हें रोकने, बल्कि उनके खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करने कि मांग भी करती है, जिससे कि भविष्य में वह ऐसा कसूर दोहराने की हिम्मत ना करें।' मीडिया कवरेज का दिया हवाला टीएमसी ने टेलीग्राफ इंडिया डॉट कॉम का लिंक लगाते हुए ये भी आरोप लगाया है कि भारत के किसी भी प्रधानमंत्री ने विदेशी जमीन से इस तरह से परोक्ष रूप से चुनाव प्रचार करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है। उस रिपोर्ट में पीएम मोदी के एक धार्मिक स्थल पर जाने के दौरान हुई मीडिया कवरेज का हवाला दिया गया है।