सुविचार : गाँव न हो,सगे संबंधी न हों, लेकिन माँ जरूर होंगी

गुरुदेव जी
गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी

सुविचार

जय माँ क्यों बोलते हैं ?

जब आपका जन्म हुआ होगा और जब आपने पहली बार अपनी आँखें खोली होंगीं तो हो सकता है पिता जी न हों वहां,बाबा न हों ,दीदी न हों ,गाँव न हो,रिश्तेदार, सगे संबंधी न हों,शहर,अस्पताल, डॉ, नर्स न हों,दिन न हो रात न हो कुछ भी न हो लेकिन माँ जरूर होंगी ।

एक बार जय माँ कह देने से

पूरी सृष्टि की माताओं को प्रणाम पहुँच जाता है और प्यार भी,तथा हमारी भारत भूमि जो जिसे सदावत्सले मातृभूमे स्वीकार कर के हम सभी अपने को धन्य मानते हैं को प्रणाम निवेदित हो जाता है

भारत माता,धरती माता,गौ माता,गंगा माता,जन्म देने वाली माँ,पालन-पोषण करने वाली माँ,धाय माँ,पति की माता ,पत्नी की माता,पड़ोसी की माँ,मित्र की माँ,दुर्गा माँ,आदि शक्ति माँ, गुरु माँ,उनकी माँ,इनकी माँ,हम सब की माँ,आप सब की माँ

सभी माताओं को प्यार और प्रणाम पहुँच जाता है फिर वो

चाहे धरती पर हो या न हों । इसलिये आज से अपनाओ बोलना

जय माँ

संकर्षण शरण (गुरु जी)

प्रयागराज