शास्त्र शिक्षा
चत्वारि ते तात गृहे वसन्तु
श्रियाभिजुष्टस्य गृहस्थ धर्मे l वृद्धो ज्ञातिरवसत्रः कुलीनः
सखा दरिद्रो भगिनी चानपत्या ll
भावार्थ – परिवार में सुख-शांति और धन-संपत्ति बनाए रखने के लिए बड़े-बूढ़ों, मुसीबत का मारा कुलीन व्यक्ति, गरीब मित्र तथा निस्संतान बहन को आदर सहित स्थान देना चाहिए। इन चारों की कभी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
जय माँ
संकर्षण जी महाराज(गुरु जी),प्रयागराज।