सुविचार : शास्त्र शिक्षा – संकर्षण जी महाराज(गुरु जी)

guru ji
परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी

शास्त्र शिक्षा

चत्वारि ते तात गृहे वसन्तु
श्रियाभिजुष्टस्य गृहस्थ धर्मे l वृद्धो ज्ञातिरवसत्रः कुलीनः
सखा दरिद्रो भगिनी चानपत्या ll

भावार्थ – परिवार में सुख-शांति और धन-संपत्ति बनाए रखने के लिए बड़े-बूढ़ों, मुसीबत का मारा कुलीन व्यक्ति, गरीब मित्र तथा निस्संतान बहन को आदर सहित स्थान देना चाहिए। इन चारों की कभी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

जय माँ

संकर्षण जी महाराज(गुरु जी),प्रयागराज।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here