रायपुर: Sushasan Tihar: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य में आम जनता की शिकायतों एवं मांगों के त्वरित समाधान के लिए ‘सुशासन तिहार’ का आयोजन पूरे उत्साह के साथ जारी है। तीसरे चरण में प्रदेशभर के गांवों और कस्बों में शासन-प्रशासन पूरी तत्परता और तन्मयता के साथ आमजन की बाते सुन रहा है और उनका का समाधान कर रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं। वे हेलीकाप्टर से गांवों के आकस्मिक दौरे कर रहे हैं।
Sushasan Tihar: शासकीय योजनाओं की जमीनी हकीकत का मूल्यांकन कर रहे हैं। जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं और समाधान शिविरों में पहुंचकर लोगों की समस्याओं को सुनकर उसका मौके पर निराकरण करवा रहे हैं। यह जनता-जनार्दन के प्रति छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
Sushasan Tihar: राज्य में अब तक 40 लाख 95 हजार आवेदन
सुशासन तिहार के तहत अब तक 40 लाख 95 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश का निराकरण कर लिया गया है। इसमें धमतरी जिला ने लगभग 2 लाख 28 हजार आवेदनों में से 99.38 प्रतिशत का निराकरण कर राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
प्रदेश के 14 जिले क्रमशः
Sushasan Tihar: धमतरी, महासमुंद, सक्ति, बालोद, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मुंगेली, रायपुर, सरगुजा, दक्षिण बस्तर दंतेवाडा, दुर्ग, जांजगीर-चाम्पा, नारायणपुर, बीजापुर ने 90 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निराकरण कर लिया है, जबकि गरियाबंद, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बिलासपुर, राजनांदगाँव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, बलौदा बाज़ार-भाटापारा, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कबीरधाम, बेमेतरा, जशपुर, कोरिया, उत्तर बस्तर कांकेर, सूरजपुर जिले ने 80 से 90 प्रतिशत आवेदनों का समाधान किया है।
बस्तर जिले में 78.48 प्रतिशत, कोण्डागांव में 70.97 प्रतिशत, बलरामपुर-रामानुजगंज जिलें में 60.59 प्रतिशत, मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर ने 59.09. प्रतिशत, कोरबा जिले ने 41.61 प्रतिशत तथा सुकमा जिले ने 30 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है, जो इस बात का प्रमाण है कि राज्यभर में त्वरित एवं प्रभावी समाधान की दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं।
रायपुर को मिले सर्वाधिक आवेदन
Sushasan Tihar: रायपुर जिले को 3 लाख 764 आवेदन प्राप्त हुए, जो राज्य में सर्वाधिक है। इसके बाद दूसरे क्रम पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिला है। धमतरी, बिलासपुर और बस्तर क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवे स्थान पर हैं। निराकरण के मामले में धमतरी पहले, महासमुंद दूसरे और सक्ति जिला तीसरे स्थान पर हैं। बालोद और रायगढ़ चौथे और पांचवें क्रम पर हैं।
सुशासन तिहार के दौरान सर्वाधिक 10 लाख से अधिक आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित प्राप्त हुए, जिनमें से 94.70 प्रतिशत का निराकरण हो चुका है। उज्ज्वला योजना से जुड़े 1.47 लाख और राशन कार्ड हेतु 1.12 लाख आवेदनों में से अधिकांश का समाधान कर दिया गया है। शहरी क्षेत्रों में सड़क निर्माण, पेयजल व्यवस्था और स्वच्छता से संबंधित मांगें भी प्रमुख रहीं।
Sushasan Tihar: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को 25 लाख 77 हजार 747 आवेदन प्राप्त हुए। राजस्व विभाग को 3 लाख 74 हजार 429, खाद्य विभाग को 2 लाख 18 हजार 113, महिला एवं बाल विकास विभाग को 1 लाख 57 हजार और नगरीय प्रशासन विभाग को 1 लाख 42 हजार 475 आवेदन प्राप्त हुए। निराकरण में महिला एवं बाल विकास विभाग प्रथम, श्रम विभाग दूसरे, तथा उद्योग, पशुपालन और खाद्य विभाग क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की यह पहल छत्तीसगढ़ राज्य को, जनभागीदारी पर आधारित सुशासन की दिशा में आगे बढ़ा रही है। गांवों में शिविरों में पहुँचकर आम लोगों से संवाद करना, शिकायतों की तत्काल सुनवाई करना और शासकीय तंत्र को अधिक उत्तरदायी बनाना, यही सुशासन तिहार की मूल भावना है।
Sushasan Tihar: ‘सुशासन तिहार’ छत्तीसगढ़ शासन की एक अभिनव पहल है, जिसने प्रशासन को जनता के और निकट लाकर विश्वास, समाधान और सेवा की एक मजबूत परंपरा को जन्म दिया है। यह अभियान मुख्यमंत्री की सोच को साकार करता है, जहाँ सरकार सिर्फ कार्यालयों में नहीं, बल्कि गांव-गांव जाकर आमजन की आवाज सुनती है और हर समस्या का समाधान करती है।