रायपुर: Soumya got bail from SC: कोल घोटाले में आरोपी सौम्या चौरसिया को सशर्त जमानत मिल गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या चौरसिया की जमानत को मंजूर किया किया है। कोयला घोटाला और मनी लांड्रिंग केस में सौम्या को साल 2022 में गिरफ्तार किया गया था। करीब 21 महीने के बाद उन्हें जमानत मिली है। आपको बता दें कि कोल लेवी केस में सौम्या चौरसिया के खिलाफ ED ने कार्रवाई की थी।
जानकारी के मुताबिक जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कई कड़ी शर्तें लगाई हैं। इनमें प्रमुख शर्तों में सौम्या को छत्तीसगढ़ सरकार बहाल ना करे, सौम्या गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी। ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होती रहेंगी। पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट के पास जमा रहेगा, बिना कोर्ट की अनुमति के देश नहीं छोड़ेंगी।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया अभी कोर्ट के निर्देश पर रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। साल 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी 42 वर्षीय सौम्या चौरसिया को भूपेश कार्यकाल में काफी पावरफुल अफसर माना जाता था। मुख्यमंत्री पद की शपथ के तीसरे ही दिन सौम्या चौरसिया को मुख्यमंत्री सचिवालय में नियुक्ति दी गयी थी।
Soumya got bail from SC: जानिये कौन है सौम्या चौरसिया…!
छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक मध्यमवर्गीय परिवार में पली-बढ़ी, तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी सौम्या चौरसिया ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 2008 में राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की। 2011 तक उन्हें पेंड्रा और बिलासपुर में एसडीएम के पद पर कामकाज करने का मौका मिला।
2011 में उनका तबादला दुर्ग ज़िले में किया गया, जहां उन्होंने भिलाई और पाटन में एसडीएम का दायित्व संभाला। मार्च 2016 में भिलाई चरौदा नगर निगम की वे पहली आयुक्त बनाई गईं और उसी साल उन्हें रायपुर नगर निगम में अपर आयुक्त के पद पर पदस्थ किया गया. मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थापना से पहले तक वे इसी पद पर कार्यरत थीं।
Soumya got bail from SC: क्यों हुई थी सौम्या की गिरफ्तारी…!
फरवरी 2020 में आयकर विभाग ने राज्य में एक साथ कई जगहों पर छापा मारा, जिनमें सौम्या चौरसिया का घर भी शामिल था। मीडिया में अपुष्ट खबरें आयी थी कि सौम्या चौरसिया के घर से 100 करोड़ से अधिक की नगद रक़म बरामद की गई है, लेकिन आयकर विभाग ने अपना एक बयान जारी करते हुए साफ़ किया कि राज्य भर में मारे गए इन सभी छापों में 150 करोड़ रुपये की बेनामी लेन-देन के दस्तावेज़ मिले हैं।
सौम्या चौरसिया की गिरफ़्तारी के बाद अदालत में ईडी ने अपने आरोप पत्र में कहा था कि राज्य में 500 करोड़ से भी अधिक की अवैध कोयला लेवी की वसूली के पीछे सौम्या चौरसिया हैं। ईडी ने परिजनों के नाम की ज़मीन की ख़रीद-बिक्री में भी करोड़ों रुपये की गड़बड़ी के आरोप लगाए।