ISRO 4 दिसंबर को करेगा PROBA-3 मिशन का लॉन्च, सूर्य के कोरोना का करेगा अध्ययन

PROBA-3 Mission
PROBA-3 Mission

नई दिल्ली: PROBA-3 Big Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के साथ एक और कीर्तिमान जोड़ने जा रहा है। ISRO बुधवार, 4 दिसंबर को PROBA-3 मिशन को PSLV-C59 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च करेगा। यह लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शाम 4:08 बजे होगी।

इस मिशन का उद्देश्य सूर्य के कोरोना, यानी उसकी बाहरी और सबसे गर्म परत का विस्तृत अध्ययन करना है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का मिशन है, जिसे ISRO की वाणिज्यिक इकाई न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के सहयोग से लॉन्च किया जा रहा है।

PROBA-3 Big Mission: क्या है PROBA-3 मिशन?

PROBA-3 मिशन सूर्य के परिमंडल के अध्ययन के लिए ESA द्वारा संचालित एक बहुराष्ट्रीय परियोजना है। इसमें यूरोप के कई देश जैसे स्पेन, पोलैंड, बेल्जियम, इटली और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 200 मिलियन यूरो है। मिशन की अवधि दो साल होगी और इसके तहत पहली बार अंतरिक्ष में “प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग” तकनीक का परीक्षण किया जाएगा।

इस मिशन में दो प्रमुख स्पेसक्राफ्ट शामिल हैं:

  1. Occulter – जिसका वजन 200 किलोग्राम है।
  2. Coronagraph – जिसका वजन 340 किलोग्राम है।

लॉन्च के बाद ये दोनों सैटेलाइट अलग हो जाएंगे और अंतरिक्ष में सोलर कोरोनाग्राफ बनाने के लिए एक सटीक पोजीशन में स्थापित होंगे।

PROBA-3 Big Mission: सूर्य के कोरोना का अध्ययन क्यों ज़रूरी है?

सूर्य का कोरोना उसकी बाहरी परत है, जो अत्यधिक गर्म और गतिशील है। इसका अध्ययन वैज्ञानिकों को सौर गतिविधियों, जैसे सोलर फ्लेयर्स और सौर तूफानों, को बेहतर समझने में मदद करेगा।

ISRO पहले भी दो PROBA मिशनों को सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुका है। पहला मिशन PROBA-1 साल 2001 में और दूसरा PROBA-2 साल 2009 में लॉन्च किया गया था। अब PROBA-3 के साथ ISRO और ESA अंतरिक्ष अनुसंधान में एक और मील का पत्थर स्थापित करने के लिए तैयार हैं।


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