पीएम मोदी का श्रीराम के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामेश्वरम दर्शन करना श्रीराम के पद चिन्हों पर चलने के समान है

पीएम मोदी
पीएम मोदी का श्रीराम के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामेश्वरम दर्शन करना श्रीराम के पद चिन्हों पर चलने के समान है

आरव शुक्ला ।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान रामेश्वरम के दर्शन कर श्री राम के पद चिन्हों का अनुसरण किया, जिस प्रकार श्री राम लंका पर विजय पाने के बाद भगवान रामेश्वरम के दर्शन कर पूजा किए थे, उसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान रामेश्वरम के दर्शन कर विधिवत पूजा की और भगवान रामेश्वरम से विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना की है । यह एक रूप से श्री राम से प्रेरणा ले उनके पद चिन्हों पर चलने के समान है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धा, भक्ति पूर्वक भगवान के दर्शन किया और अग्नितीर्थ में स्नान किया । उनका यह करना देश वासियों को बताता है कि श्रीराम का मंदिर बनाना उनके लिए एक लंका विजय करने के बराबर था और यह लड़ाई असत्य पर सत्य के जीत के लिए थी ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्राण प्रतिष्ठा से पहले यूं दर्शन करना ऐसा दर्शाता है की मानो वो भगवान रामेश्वरम के दर्शन कर भगवान राम को मना रहें हो की उनके जन्मभूमि पर हुए इस अत्याचार के लिए कलयुगियों को क्षमा दान कर वो पुनः अयोध्या में वापस आएं और इस युग के भक्तों का कल्याण करें । उनके रामेश्वरम दर्शन करने से ऐसा प्रतीत होता है की मानो वो प्रभु राम के इतने वर्षों के वनवास के बाद उनको साथ लेकर आ रहें हो और उनसे आग्रह कर रहें हो की अयोध्या में विराज पुनः भक्तों का कल्याण करे ।

राम के आराध्य भोले नाथ है और भोलेनाथ के आराध्य श्री राम । तो भोलेनाथ रामेश्वरम की पूजा अर्चना कर उनसे श्री राम के अयोध्या वापसी के लिए प्रार्थना करना श्री राम से प्रार्थना करने के समान ही है । या ऐसा कहें की अगर आप किसी भक्त के आराध्य को प्रसन्न करने के लिए प्रार्थना करो तो भक्त जरूर प्रसन्न होगा क्योंकि उसके आराध्य प्रसन्न हो रहें है । तो मोदी जी ने ये बहुत अच्छी तरह समझा और श्री राम को मनाने के लिए भगवान रामेश्वरम की पूजा उपासना की और प्रार्थना की के राम सबकी भक्ति स्वीकार पुनः अयोध्या में विराजें।

जिस तरह श्री राम एवं उनकी सेना ने लंका पर विजयी पाया था वैसे ही आज 492 वर्षों बाद विश्व भर के राम भक्त श्री राम मंदिर पर चल रहे केश को जीत श्री राम मंदिर की स्थापना उनके जन्मभूमि में सफलता पूर्वक करने जा है एवं पुनः प्रभु राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है । इस सफलता में कोर्ट के फैसले के संग भारत सरकार की भी अहम भूमिका रही । और यह सफलता राम राज्य की शुरुआत को दर्शाती है।

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