नई दिल्ली: Operation Sindoor: मुंबई, उरी, पुलवामा, पहलगाम – भारत ने इन सभी आतंकी हमलों का हिसाब चुकता कर दिया है। बीती रात भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POJK) में आतंक के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया। रात 1:05 से 1:30 बजे तक, सिर्फ 25 मिनट के भीतर 21 आतंकी ठिकानों को सटीक एयर स्ट्राइक के जरिए ध्वस्त कर दिया गया।
Operation Sindoor: लक्ष्य पर सटीक वार:
भारतीय सेना ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि यह कार्रवाई उन आतंकी अड्डों पर की गई जो बीते दो दशकों से भारत पर हमलों की साजिश रचते रहे। यह हमला “No More” संदेश के साथ हुआ – अब भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।
OPERATION SINDOOR#JusticeServed
Target 1 – Abbas Terrorist Camp at Kotli.
Distance – 13 Km from Line of Control (POJK).
Nerve Centre for training suicide bombers of Lashkar-e-Taiba (LeT).
Key training infrastructure for over 50 terrorists.DESTROYED AT 1.04 AM on 07 May 2025.… pic.twitter.com/OBF4gTNA8q
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) May 7, 2025
बदला पूरा:
Operation Sindoor: हमले की शुरुआत से पहले एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें 2001 की संसद पर हमला, 2008 का मुंबई अटैक, 2016 का उरी हमला, 2019 का पुलवामा हमला, और हाल ही का पहलगाम अटैक दिखाया गया — हर शहीद और हर नागरिक का बदला अब ले लिया गया है।
ध्वस्त किए गए आतंकी ठिकाने:
Operation Sindoor: पाकिस्तान में:
- बहावलपुर – जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय (मरकज सुभान अल्लाह)
- मुरीदके – लश्कर-ए-तैयबा का मरकज तैयबा
- सरजाल (सियालकोट) – जैश का सरजाल कैंप
- महमूना जोया (सियालकोट) – हिज्बुल का ठिकाना
POJK (पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर) में:
- सवाई नाला, मुजफ्फराबाद – लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर
- सैयदना बिलाल, मुजफ्फराबाद – जैश का बड़ा अड्डा
- गुलपुर, कोटली – लश्कर का कैंप
- बरनाला, भिंबर – लश्कर का मरकज अहले हदीस
- अब्बास, कोटली – जैश का मरकज अब्बास
ऑपरेशन सिंदूर ने किया इन आतंक स्थानों का खात्मा
- बरनाला कैंप भिंबर (मुजफ्फराबाद)- ये आतंकी कैंप एलओसी से 9 किलोमीटर दूर है। यहां पर हथियार हैंडलिंग आईईडी और जंगल सर्वाइवल का प्रशिक्षण केन्द्र था।
- अब्बास कैंप (कोटली)- ये एलओसी से 13 किलोमीटर दूर है। लश्कर ए तैयबा के फिदायीन यहां तैयार होता था। इसकी कैपेसिटी 15 आतंकियों को ट्रेंड करने की थी।
- गुलपुर कैंप (कोटली)- ये LOC से 30 किलोमीटर दूर था। लश्कर-ए-तैयबा का बेस था, जो राजौरी, पुंछ में एक्टिव था। 20 अप्रैल 2023 को पुंछ में और 9 जून 2024 को तीर्थयात्रियों के बस हमले में यहीं से आतंकियों को ट्रेन किया गया था।
- सरजल कैंप (सियालकोट)- ये अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। मार्च 2025 में जम्मू कश्मीर पुलिस के जिन 4 जवानों की हत्या की गई थी, उन आतंकवादियों को इसी जगह पर ट्रेंड किया गया था।
- महमूना जाया कैंप (सियालकोट)- ये कैंप 18 से 20 किलोमीटर आईबी से दूर था। हिजबुल मुजाहिदीन का बहुत बड़ा कैंप था। ये कठुआ जम्मू क्षेत्र में आतंक फैलाने का नियंत्रण केन्द्र था। पठानकोट एयरबेस पर किया गया हमला भी इसी कैंप से प्लान और डायरेक्ट किया गया था।
- मरकज़ तैयबा (मुरीद के)- ये आईबी से 18 से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। 2008 के मुंबई हमले के आतंकी भी यहीं से प्रशिक्षित हुए थे। अजमल आमिर कसाब और डेविड हेडली भी यहीं ट्रेंड हुए थे। इनके ठिकानों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है।
- मरकज़ सुब्हान अल्लाह (बहावलपुर)- ये अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किलोमीटर दूर है। ये जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था। यहां पर रिक्रूटमेंट, ट्रेनिंग और इनडॉक्ट्रिनेशन सेंटर भी था। शीर्ष आतंकी अक्सर यहां आते थे।
- सैयदना बिलाल कैंप- यह जैश-ए-मोहम्मद का स्टेजिंग एरिया है। ये हथियार, विस्फोटक और जंगल सरवाइवल ट्रेनिंग का कैंप भी था।
- सवाई नाला कैंप (मुजफ्फराबाद)- ये POJK के लाइन ऑफ कंट्रोल से 30 किलोमीटर दूर है। ये लश्कर-ए-तैयबा का एक ट्रेनिंग सेंटर था। 20 अक्टूबर 2024 सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 गुलमर्ग, 22 अप्रैल 2025 पहलगाम हमलों के आतंकियों ने यहीं से प्रशिक्षण लिया था।
आतंकियों को करारा झटका:
- मारे गए 100 से अधिक आतंकी, जिनमें जैश के 30 से ज्यादा शामिल।
- मसूद अजहर के भाई और बहन की भी मौत।
- जैश, लश्कर और हिज्बुल के कुल 9 प्रमुख अड्डे ज़मींदोज़।
पाकिस्तानी सेना की पुष्टि:
Operation Sindoor: पाकिस्तान की ISPR (इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस) के डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने पुष्टि की कि भारत ने 24 मिसाइलें दागीं, जिससे पाकिस्तान और POJK के आतंकी ढांचे को भारी नुकसान हुआ।