MP Vidhansabha Satra: सत्र के पहले दिन 207 विधायकों ने ली शपथ,तोमर ने भरा विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन 

भोपाल ।। मध्यप्रदेश में 16वीं विधानसभा के पहले सत्र का आगाज आज सोमवार से हुआ। चार दिनों तक चलने वाले इस सत्र में पहले दिन प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाई। सत्र के पहले दिन 207 विधायकों ने शपथ ली। प्रोटेम स्पीकर भार्गव ने सबसे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को शपथ दिलवाई। इसके बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता उमंग सिंघार को शपथ दिलवाई गई। अधिकांश विधायकों ने हिंदी में शपथ ली, जबकि बुंदेलखंड से विधायक धर्मेंद्र लोधी ने संस्कृत में शपथ ग्रहण की।

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शपथ से पहले सदन की शुरुआत दो मिनट के मौन के साथ हुई। सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी शपथ लेने का क्रम जारी रहेगा। दूसरे दिन शेष विधायक शपथ लेंगे। कमलनाथ विदेश में हैं। उन्होंने पूरे सत्र से अनुपस्थित रहने की अनुमति ले ली है। इस वजह से उनकी शपथ अब बजट सत्र में हो सकती है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। सत्र के अंत में राज्यपाल का अभिभाषण होगा।

कांग्रेस ने अपनी एक जुटता का परिचय दिया

इधर सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने अपनी एक जुटता का परिचय दिया। कांग्रेस के सभी विधायक विधानसभा पहुंचने से पहले प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन पर एकत्रित हुए। इसके बाद वे सभी नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में विधानसभा पहुंचे। यहां पर नेता-प्रतिपक्ष के कक्ष में कांग्रेस विधायकों ने बैठक कर रणनीति बनाई। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लिया। वे सदन से अनुपस्थित रहे। उन्होंने इसकी सूचना पहले ही दे दी थी।

तोमर ने भरा विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन 

पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने विधानसभा प्रमुख सचिव और निर्वाचन अधिकारी एपी सिंह के पास अपना नामांकन पत्र जमा किया। इस मौके पर सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष के विधायक भी तोमर के साथ मौजूद रहे। उन्होंने अपना समर्थन तोमर को दिया है। अब उनका निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है।

सुरक्षा व्यवस्था रही चाक चौबंद

लोसकभा में हुई घटना का असर मध्यप्रदेश विधानसभा में भी देखने मिला। यहां सुरक्षा व्यवस्था पहले से और चाक चौबंद की गई। अंदर और बाहर करीब 1000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। इनके साथ ही विधानसभा के मार्शल भी सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए थे। विधानसभा में प्रवेश से पहले सघन जांच की गई। मुख्य द्वार पर स्कैनर लगाए गए थे। स्कैनिंग के बाद ही सामान को अंदर ले जाने की अनुमति थी। इसके साथ ही प्रवेश पत्र की भी जांच की गई। कड़ी सुरक्षा होने के चलते नवनिर्वाचित विधायक और उनके परिजनों को प्रवेश करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। इसके साथ ही मीडिया कर्मियों को भी असुविधा हुई ।

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