Election | Maharashtra Elections : लोकसभा चुनावों से पहले पूर्व कांग्रेस नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री मिलिंद देवड़ा को शिवसेना में शामिल हुए और बाद में राज्यसभा के लिए चुने गए। महाराष्ट्र के वर्ली विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने देवड़ा को मौजूदा विधायक और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ खड़ा करने का फैसला किया है। इससे वर्ली में एक हाई-वोल्टेज मुकाबला देखने को मिल सकता है, क्योंकि देवड़ा और ठाकरे दोनों ही अपने-अपने प्रभाव और अनुभव के साथ मुकाबले में उतरेंगे।
आदित्य ठाकरे के लिए चुनौती और अग्निपरीक्षा
Maharashtra Elections : महाराष्ट्र के वर्ली विधानसभा क्षेत्र में आगामी चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के वरिष्ठ नेता और मौजूदा विधायक आदित्य ठाकरे इस सीट से चुनाव लड़ेंगे, जहाँ उन्हें न केवल शिंदे गुट के राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा से कड़ी टक्कर मिलेगी, बल्कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने संदीप देशपांडे को भी उम्मीदवार घोषित किया है। यह चुनाव आदित्य ठाकरे के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती और अग्निपरीक्षा माना जा रहा है, क्योंकि उनके सामने शिवसेना के अन्य गुट और मनसे दोनों ही प्रभावशाली विरोधी खड़े हैं।
Maharashtra Elections : इस बार महाराष्ट्र की राजनीति में विशेष महत्व रखता है। उद्धव ठाकरे के बेटे और ठाकरे गुट के विधायक आदित्य ठाकरे यहाँ से मौजूदा विधायक हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में भी उनके गुट का आधिकारिक चेहरा होंगे। इस सीट पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी ने अपनी दूसरी सूची में मिलिंद देवड़ा को प्रत्याशी बनाया है। देवड़ा, जो पहले कांग्रेस में थे और मुंबई से सांसद भी रह चुके हैं, का इस क्षेत्र में काफी दबदबा माना जाता है।
Maharashtra Elections : एमएनएस का मराठी भाषी लोगों के बीच गहरी पकड़
साथ ही, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने संदीप देशपांडे को उम्मीदवार घोषित किया है। एमएनएस का मराठी भाषी लोगों के बीच गहरा जुड़ाव है, जो इस चुनाव को और भी दिलचस्प बना रहा है। वहीं आदित्य ठाकरे को भी मराठी समुदाय का मजबूत समर्थन मिल सकता है। वर्ली का यह चुनाव ठाकरे गुट, शिंदे गुट और एमएनएस के बीच त्रिकोणीय संघर्ष का प्रतीक बन गया है, जिस पर पूरे महाराष्ट्र की नजरें टिकी हुई हैं।
Maharashtra Elections : 2019 में वर्ली से पहली बार विधायक बने थे आदित्य ठाकरे
2019 के विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट पर शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने पहली बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी, जिससे वह ठाकरे परिवार के पहले सदस्य बने जो विधानसभा का हिस्सा बने। उस समय यह सीट राजनीतिक घटनाक्रम का केंद्र रही, क्योंकि राकांपा के संभावित उम्मीदवार सचिन अहीर शिवसेना में शामिल हो गए थे। शिवसेना ने आदित्य ठाकरे को निर्विरोध निर्वाचित कराने के प्रयास किए थे और इसके लिए मनसे से भी उम्मीदवार न उतारने का अनुरोध किया गया था, हालांकि विपक्ष ने फिर भी अपने प्रत्याशी उतारे।
Maharashtra Elections : वर्ली में शिवसेना और भाजपा की मजबूत उपस्थिति के कारण, आदित्य ठाकरे को यहां आसानी से जीत मिली। उन्हें 89,248 वोट मिले थे, जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी एनसीपी के सुरेश माने को केवल 21,821 वोट ही मिल सके। इस जीत ने आदित्य ठाकरे की राजनीति में एक मजबूत शुरुआत की और वर्ली में शिवसेना की पकड़ को और भी सुदृढ़ किया।
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