काठमांडू:Katmandu Plane Crash: काठमांडू में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बुधवार सुबह उड़ान भरने के दौरान एक निजी एयरलाइन का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और हादसे में एक विदेशी समेत 18 यात्री मारे गए। विमान हादसे में केवल एक पायलट जिंदा बचा है। सौर्य एयरलाइंस का नेपाल का घरेलू विमान एन9एएमई नियमित रखरखाव कार्य के लिए पोखरा जा रहा था जब पूर्वाह्न 11 बजकर 11 मिनट पर यह हादसा हुआ।
नेपाल(Katmandu Plane Crash) के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के खोज व बचाव केंद्र ने एक बयान में बताया कि बमबॉर्डियर सीआरजे-200 विमान रनवे पर फिसल गया और उसमें तुरंत आग लग गयी। सोशल मीडिया पर पोस्ट की गयी वीडियो में विमान में आग लगते और धुआं उठते देखा जा सकता है। हादसे के बाद दमकल की गाडियों और एम्बुलेंस को घटनास्थल पर भेजा गया।
Katmandu Plane Crash: हादसे में केवल एक पायलट कैप्टन मनीष शाक्य जिंदा बचा
मृतकों की पहचान सह-पायलट एस. कतुवाल और सौर्य एयरलाइंस के 17 कर्मचारियों के रूप में की गयी है जिनमें नेपाल की एक महिला और यमन का एक नागरिक शामिल है। हादसे में जिंदा बचे पायलट कैप्टन मनीष शाक्य (37) का काठमांडू मॉडल हॉस्पिटल में उपचार हो रहा है।
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प्राधिकारियों ने बताया कि विमान में सवार लोगों में से 15 की घटनास्थल(Katmandu Plane Crash) पर ही मौत हो गयी जबकि तीन ने एक स्थानीय अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। हवाई अड्डा प्राधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना के बाद काठमांडू हवाई अड्डे पर सेवाएं थोड़ी देर के लिए रोक दी गयीं लेकिन बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया।
सौर्य एयरलाइंस की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी नेपाल में पांच पर्यटक स्थलों के लिए विमानों का संचालन करती है। उसके बेड़े में तीन बमबॉर्डियर सीआरजे-200 विमान शामिल हैं। हाल के वर्षों में खराब हवाई सुरक्षा रिकॉर्ड के लिए नेपाल की आलोचना की गई है, लेकिन इन दुर्घटना की वजहों में मानवीय भूल के अलावा आंशिक रूप से अचानक मौसम परिवर्तन और दुर्गम चट्टानी इलाकों में स्थित हवाई पट्टियां भी शामिल हैं।
नेपाल के नागरिक उड्डयन निकाय के अनुसार, अगस्त 1955 में पहली दुर्घटना के बाद से देश में हवाई दुर्घटनाओं में 914 लोग मारे गए हैं। पिछले साल जनवरी में, यति एयरलाइंस का एक विमान पोखरा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें पांच भारतीयों सहित सभी 72 लोग मारे गए थे। दुर्घटना का कारण मानवीय भूल बताया गया।