मुंबई, 25 जुलाई | Hot and Spicy Food : आपकी बात बिल्कुल सही है! भारतीयों का गर्म और मसालेदार खाना के प्रति प्रेम किसी से छिपा नहीं है। हमारी मसालों की समझ और स्वाद के प्रति रुझान इतना गहरा है कि हमारी पाक कला की विविधता दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
आपने जो कुछ बिंदु उठाए हैं, उन पर विस्तार से बात करते हैं:
- गर्म खाना का प्रेम: भारतीय व्यंजन सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि गर्म और मसालेदार भी होते हैं। यह हमारे भोजन का एक अभिन्न हिस्सा है। चाहे वह दाल-भात हो, या फिर करी, या फिर चाट, हर व्यंजन में मसालों का तड़का लगा होता है।
- मसालेदार चीजें: हमारी मसालेदार चीजों के प्रति रुझान इतना अधिक है कि हमारी मसाला सहनशीलता पश्चिमी देशों की तुलना में कहीं अधिक है। हमारी रसोई में सैकड़ों तरह के मसाले पाए जाते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है।
- पश्चिमी दुनिया का उत्सुकता: पश्चिमी दुनिया भारतीय व्यंजनों के प्रति काफी उत्सुक है। उन्हें हमारे खाने का स्वाद बहुत पसंद आता है, लेकिन कई बार उन्हें हमारे मसालों की तीखापन सहन करने में मुश्किल होती है।
Hot and Spicy Food : हमें सभी मसालेदार चीजें पसंद हैं, लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि ऐसे भोजन का सेवन आंत के लिए अच्छा है? या क्या यह हमारे आंत माइक्रोबायोम को प्रभावित करता है और संभावित रूप से भोजन विषाक्तता का कारण बनता है?
हाल ही में, डेनमार्क ने दक्षिण कोरियाई ब्रांड समयांग द्वारा निर्मित तीन लोकप्रिय कोरियाई इंस्टेंट रेमन नूडल्स को वापस मंगाकर सुर्खियां बटोरीं। इसका कारण उनके नूडल्स में कैप्साइसिन के उच्च स्तर की उपस्थिति थी, जो मिर्च में गर्मी के लिए जिम्मेदार यौगिक है। उत्पादों ने उपभोक्ताओं के लिए “तीव्र विषाक्तता” के संभावित जोखिम के बारे में डेनिश अधिकारियों के बीच चिंताएं बढ़ा दीं।
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Hot and Spicy Food : जबकि डेनिश अधिकारियों ने आंशिक रूप से प्रतिबंध हटा दिया और एक महीने के भीतर दो उत्पादों को वापस शेल्फ पर ले आए, सोशल मीडिया पर पहले से ही काफी हंगामा मचा हुआ है और मसाला सहनशीलता में सांस्कृतिक अंतर और अल्ट्रा उपभोग से जुड़े वास्तविक जोखिमों पर बहस छिड़ गई है।
मसाला सहनशीलता संस्कृति दर संस्कृति अलग-अलग होती है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मानव शरीर केवल एक निश्चित मात्रा में गर्मी ही संभाल सकता है। इससे अधिक होने पर स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
मसाले का स्तर: कितना बहुत अधिक है? एक विस्तृत विश्लेषण
Hot and Spicy Food : आपने मसालेदार भोजन की तीखापन को मापने के लिए इस्तेमाल होने वाले स्कोविल हीट यूनिट (SHU) के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी है। आइए इस विषय को और गहराई से समझने की कोशिश करें।
SHU और मसाले की तीखापन
- SHU क्या है? जैसा कि आपने उल्लेख किया है, SHU एक माप है जो किसी मिर्च या मसाले की तीखापन को निर्धारित करता है। यह कैप्साइसिन की सांद्रता को मापकर ताप स्तर की मात्रा निर्धारित करता है।
- SHU रेंज: डॉ. रूही पीरज़ादा के अनुसार, 100 से 2,500 SHU को हल्का, 2,500 से 30,000 को मध्यम और 30,000 से 100,000 को बेहद मसालेदार माना जाता है। हालांकि, यह एक सामान्य दिशानिर्देश है और व्यक्तिगत स्वाद और सहनशीलता के आधार पर भिन्न हो सकता है।
- 100,000 SHU से ऊपर: 100,000 SHU से ऊपर के किसी भी भोजन को आम तौर पर अत्यधिक गर्म माना जाता है। ऐसे भोजन खाने से अधिकांश लोगों को जलन, दर्द और असुविधा हो सकती है।
Hot and Spicy Food : कैप्साइसिन और मिर्च की तीखापन को समझने के लिए एक विस्तृत विश्लेषण
आपने मिर्च की तीखापन को मापने के लिए इस्तेमाल होने वाले स्कोविल इकाई (SHU) के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी है। आइए इस विषय को और गहराई से समझने की कोशिश करें।
स्कोविल इकाई (SHU) क्या है?
- स्कोविल इकाई (SHU): यह एक माप है जो किसी मिर्च या मसाले की तीखापन को निर्धारित करता है। यह उस मात्रा को मापता है जिसमें कैप्साइसिन को पानी में घोलने की आवश्यकता होती है ताकि एक मानक पैनल द्वारा गर्मी का पता लगाया जा सके।
- कम SHU: कम SHU का मतलब है कि मिर्च कम तीखी है। उदाहरण के लिए, घंटी मिर्च में बहुत कम या कोई कैप्साइसिन नहीं होता है, इसलिए इसका SHU बहुत कम होता है।
- उच्च SHU: उच्च SHU का मतलब है कि मिर्च अधिक तीखी है। भूत जोलोकिया जैसे मिर्च में बहुत अधिक कैप्साइसिन होता है, इसलिए इसका SHU बहुत अधिक होता है।
- जाता है। मूल संस्करण का SHU स्तर 4,404 है, जबकि 2X संस्करण का SHU स्तर 10,000 है।
Hot and Spicy Food : कैप्साइसिन: तीखापन का मूल कारण
- कैप्साइसिन: यह एक रासायनिक यौगिक है जो मिर्च को उनकी तीखापन देता है। जब हम मसालेदार भोजन खाते हैं, तो कैप्साइसिन हमारे मुंह में दर्द रिसेप्टर्स को उत्तेजित करता है, जिससे हमें जलन का अनुभव होता है।
- शरीर की प्रतिक्रिया: हमारा शरीर इस जलन का जवाब पसीना और लार बढ़ाकर देता है। यह एक प्राकृतिक सुरक्षा तंत्र है जो हमें अधिक तीखा भोजन खाने से रोकता है।
Hot and Spicy Food : विभिन्न प्रकार के मिर्च और उनका SHU स्तर
- गुंटूर मिर्च: यह भारतीय उपमहाद्वीप में उगाई जाने वाली एक लोकप्रिय मिर्च है। इसका SHU स्तर 40,000 के आसपास होता है, जो इसे मध्यम से तीखा बनाता है।
- भूत जोलोकिया: यह दुनिया की सबसे तीखी मिर्च में से एक है। इसका SHU स्तर 855,000 से 1,041,000 के बीच होता है।
- सैमयांग बुलडक रेमन: यह एक लोकप्रिय कोरियाई इंस्टेंट नूडल है जो अपनी तीखापन के लिए जाना
दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में सलाहकार डॉ. विकास जिंदल का कहना है कि कैप्साइसिन की उच्च सांद्रता हमारे शरीर और आंत पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के कई प्रभाव डाल सकती है:
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दर्द से राहत और एंडोर्फिन रिलीज: कैप्साइसिन शरीर के प्राकृतिक दर्द निवारक एंडोर्फिन के रिलीज को उत्तेजित कर सकता है। इससे उत्साह की भावना पैदा हो सकती है, यही कारण है कि कुछ लोग जलन का आनंद लेते हैं।
Hot and Spicy Food : मसालेदार भोजन के दीर्घकालिक प्रभाव
आपने मसालेदार भोजन के तत्काल प्रभावों के बारे में बहुत ही सटीक जानकारी दी है। अब आइए मसालेदार भोजन के दीर्घकालिक प्रभावों पर नज़र डालते हैं:
आंत पर दीर्घकालिक प्रभाव
- आंत की सूजन: लगातार मसालेदार भोजन खाने से आंत की परत में सूजन हो सकती है, जिससे क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी सूजन संबंधी आंत रोगों का खतरा बढ़ सकता है।
- आंत के बैक्टीरिया पर प्रभाव: कैप्साइसिन आंत में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचा सकता है और खराब बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दे सकता है। इससे पाचन संबंधी समस्याएं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली हो सकती है।
- पाचन संबंधी समस्याएं: लंबे समय तक मसालेदार भोजन खाने से कब्ज, दस्त, और गैस जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
अन्य दीर्घकालिक प्रभाव
- पेट के अल्सर: लगातार पेट में जलन और एसिड उत्पादन बढ़ने से पेट के अल्सर होने का खतरा बढ़ सकता है।
- भोजन एलर्जी: कुछ लोगों में मसालेदार भोजन के प्रति एलर्जी विकसित हो सकती है।
- त्वचा पर प्रभाव: कुछ लोगों में मसालेदार भोजन खाने से त्वचा पर लाल चकत्ते या खुजली हो सकती है।
कैप्साइसिन और स्वास्थ्य: एक गहराई से विश्लेषण
आपने कैप्साइसिन और उसके संभावित स्वास्थ्य प्रभावों पर बहुत ही सटीक जानकारी दी है। कैप्साइसिन, मिर्च में पाया जाने वाला यौगिक है जो उन्हें उनकी तीखापन देता है। जबकि मसालेदार भोजन कई लोगों के लिए स्वादिष्ट होता है, अत्यधिक सेवन के कुछ गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं।
आपने जो बिंदु उठाए हैं, उन पर विस्तार से चर्चा करते हुए, हम कुछ अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को भी जोड़ सकते हैं:
- पेट में अम्लता: कैप्साइसिन पेट में एसिड के उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स और सीने में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- दवाओं के साथ अंतःक्रिया: कुछ दवाएं, जैसे कि एस्पिरिन और इबुप्रोफेन, पेट की परत को परेशान कर सकती हैं। इन दवाओं के साथ मसालेदार भोजन का सेवन करने से इन प्रभावों को बढ़ा सकता है।
- व्यक्तिगत संवेदनशीलता: हर व्यक्ति की मसालेदार भोजन के प्रति संवेदनशीलता अलग-अलग होती है। कुछ लोग बड़ी मात्रा में मसालेदार भोजन खा सकते हैं बिना किसी समस्या के, जबकि अन्य बहुत कम मात्रा में ही परेशान हो सकते हैं।
- अन्य स्वास्थ्य स्थितियां: पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियां, जैसे कि अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग, मसालेदार भोजन के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा सकती हैं।
नूडल्स और किडनी की समस्याएं: डॉ. शस्टरमैन की चेतावनी का विस्तृत विश्लेषण
डॉ. डेविड शस्टरमैन का दावा कि नूडल्स का अधिक सेवन किडनी की समस्याओं को बढ़ा सकता है, एक गंभीर मुद्दा है। आइए इस दावे को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं:
नूडल्स में क्या है जो किडनी को प्रभावित कर सकता है?
- सोडियम: अधिकांश प्रसंस्कृत नूडल्स में सोडियम की मात्रा काफी अधिक होती है। उच्च सोडियम का सेवन शरीर में कैल्शियम के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे किडनी में कैल्शियम ऑक्सलेट क्रिस्टल बनने की संभावना बढ़ जाती है। ये क्रिस्टल बाद में पथरी में बदल सकते हैं।
- ऑक्सलेट: कुछ नूडल्स में प्राकृतिक रूप से ऑक्सलेट पाया जाता है, जो किडनी की पथरी का एक प्रमुख घटक है।
कितना नूडल्स खाना खतरनाक है?
यह सवाल का कोई एक सरल उत्तर नहीं है। यह व्यक्ति से व्यक्ति और कई अन्य कारकों पर निर्भर करता है, जैसे:
- कितना सोडियम आप लेते हैं: अगर आप पहले से ही बहुत अधिक नमक खाते हैं, तो नूडल्स से मिलने वाला अतिरिक्त सोडियम समस्या को और बढ़ा सकता है।
- आपकी किडनी कितनी स्वस्थ है: पहले से मौजूद किडनी की समस्याएं आपको अधिक संवेदनशील बना सकती हैं।
- आपका कुल आहार: अगर आपका आहार संतुलित है और आप पर्याप्त पानी पीते हैं, तो थोड़ी मात्रा में नूडल्स खाने से कोई बड़ी समस्या नहीं होनी चाहिए।
पिछले हफ्ते, टोक्यो में हाई स्कूल के 14 छात्रों को अत्यधिक मसालेदार भुट जोलोकिया चिप्स खाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो कि अपनी अत्यधिक गर्मी के लिए जानी जाने वाली मिर्च है। शरारत के तौर पर स्कूल में लाए गए चिप्स पर चेतावनी दी गई थी कि वे 18 साल से कम उम्र वालों के लिए अनुपयुक्त हैं।
डॉ. जिंदल की बातों का सार और समझ
डॉ. जिंदल ने मसालेदार भोजन के सेवन को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं:
- सामान्यतः सुरक्षित: अधिकांश स्वस्थ व्यक्तियों के लिए, मसालेदार भोजन को कम मात्रा में लेना सुरक्षित होता है।
- पाचन समस्याओं में सावधानी: जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हैं या जिनकी पाचन शक्ति कमजोर है, उन्हें मसालेदार भोजन सावधानीपूर्वक लेना चाहिए।
- अत्यधिक सेवन से नुकसान: बहुत अधिक मसालेदार भोजन खाने से पेट में जलन, गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- शरीर की प्रतिक्रिया: मसालेदार भोजन खाने के बाद अपने शरीर की प्रतिक्रिया पर ध्यान देना जरूरी है। अगर कोई परेशानी हो तो इसे कम करना चाहिए।
- संयम जरूरी: भले ही हमारी मसालेदार भोजन खाने की आदत हो, लेकिन संयम रखना बहुत जरूरी है।
सरल शब्दों में कहें तो:
मसालेदार भोजन स्वादिष्ट तो होता है लेकिन इसे संयम से खाना चाहिए। अगर आपको कोई परेशानी हो रही है तो इसे कम कर देना चाहिए।