कुरुक्षेत्र | हरियाणा की धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 का आयोजन किया जा रहा है. जिसकी शुरुआत 7 दिसंबर को प्रदेश के राज्यपाल द्वारा की गई थी. अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 7 दिसंबर से लेकर 24 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है. वहीं, 23 दिसंबर के दिन गीता जयंती मनाई जा रही है.
अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में छत्तीसगढ़ के फिल्म स्टार योगेश अग्रवाल द्वारा निर्मित महानाट्य “ गीता दर्शन” का प्रथम प्रीमियर शो का प्रदर्शन किया गया. इसके निर्देशक व परिकल्पना प्रदीप गुप्ता मुंबई के द्वारा किया गया है. इस महानाट्य में मुंबई के 40 टी वी व फ़िल्मो के कलाकारों ने काम किया है. इसमें पद्मश्री सुरेश वाडेकर ने गीत गाया है.
इसके मार्गदर्शन स्वामी ज्ञानानंद महाराज गीता संस्थान के अध्यक्ष ने की है.
इसके पूर्व योगेश अग्रवाल ने “महाराजा अग्रसेन” व “हारे के सहारे खाटू श्याम हमारे” का मंचन भारत के कई राज्यो में किया है.
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अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 12 दिनों से धर्मनगरी की फिजा बदली हुई है. कहीं लोक संस्कृति की तो कहीं अध्यात्म की बयार बह रही है. जहां स्टेट पार्टनर असम से लेकर छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर सहित 13 राज्यों से पहुंचे लोक कलाकार अपनी-अपनी लोक संस्कृति की छटा चारों ओर बिखेर रहे हैं वहीं महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम शुरू होने के बाद भजन गायक भी अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से अध्यात्म की रसधारा बहा रहे हैं. ब्रह्मसरोवर तट पर ही नहीं सन्निहित सरोवर, गीता स्थली ज्योतिसर तीर्थ सहित 48 कोस के मंदिरों व तीर्थ स्थलों पर भी गीता संदेश से ओतप्रोत कार्यक्रमों की धूम है. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी में भी देश-विदेश के विशेषज्ञों ने तीन दिन मंथन किया.
श्रीजयराम विद्यापीठ सहित विभिन्न संस्थाओं की ओर से भी विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है तो वहीं सांध्यकालीन आरती में भी सामाजिक व अन्य संस्थाएं बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं. यही नहीं जहां स्वामी ज्ञानानंद व अन्य संत विभिन्न जगहों पर गीता के मर्म से लोगों को अवगत करवा रहे हैं तो वहीं सांस्कृतिक संध्या में भी गीता संदेश दूर-दूर तक पहुंच रहा है. ब्रह्मसरोवर तट पर प्रदेश के कोने-कोने से लुप्त होने के कगार पर पहुंचे वाद्य यंत्रों की धुनों को सुना जा सकता है. कहीं जंगम जोगी, कहीं नगाड़ा-बीन और कहीं सारंगी की धुनों को सुनकर पर्यटक मस्ती से झूम रहे हैं, तो कहीं रंग-बिरंगे, चमकते परिधानों में सजे कलाकारों संग फोटो लेने का क्रेज भी पर्यटकों के सिर चढ़कर बोल रहा है.