डायबिटीज जैसी बीमारी से जूझने वाले मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। डायबिटीज के दौरान व्यक्ति का शरीर में या तो इंसुलिन का उत्पादन बंद हो जाता है, या फिर शरीर इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है। ज्ञात हो कि डायबिटीज के दौरान रक्त शर्करा का स्तर बहुत तेजी से बढ़ने लगता है। वहीं टाइप 1 डायबिटीज के दौरान जब ऐसा होता है तो कोशिका को ग्लूकोज नहीं मिल रहा होता। जिसकी वजह से वह शरीर का फैट जलाने लगता है। इसी के कारण कीटोन्स नाम का एक रसायन पैदा होता है।
रसायन के पैदा होने की वजह से रक्त अधिक एसिडिक हो जाता है, इसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति या तो कोमा में चला जाता है। या फिर उसकी मृत्यु हो जाती है। ऐसे में आपको बता दें कि यूरिन टेस्ट डायबिटीज के जांच के लिए नहीं होता बल्कि इसके जरिए कीटोन्स का स्तर पता चलता है। इसके अलावा कई बार शरीर में डायबिटीज की स्थिति की जांच करने के लिए भी यूरिन टेस्ट कराया जाता है।
डायबिटीज के किन मरीजों के लिए है यूरिन टेस्ट
डायबिटीज के मरीज के लिए यूरिन टेस्ट एक रूटीन चेकअप का हिस्सा भी हो सकता है। अगर इस जांच में ग्लूकोज और कीटोन्स मौजूद होते हैं, तो इसका मतलब होता है कि आपका शरीर इंसुलिन का उत्पादन सही प्रकार नहीं कर रहा है। यूरिन में दोनों के पाए जाने की वजह कुछ दवाइयां हो सकती हैं जो कुछ इस प्रकार हैं canagliflozin, empagliflozin.
ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इन दवाओं का सेवन कर रहा है तो उसे ग्लूकोज लेवल यूरिन टेस्ट के जरिए नहीं देखना चाहिए। लेकिन वह कीटोन्स की जांच यूरिन टेस्ट के जरिए करा सकता है।
ग्लूकोज स्तर की जांच कैसे होती है
आज से कुछ समय पहले तक डायबिटीज के मरीजों के शरीर में ग्लूकोज लेवल की जांच करने के लिए यूरिन टेस्ट कराया जाता था। लेकिन अब के समय में यूरिन टेस्ट की बजाय ब्लड टेस्ट कराया जाता है। ब्लड टेस्ट के जरिए परिणाम एक दम सटीक आते हैं।
कीटोन्स की जांच किन्हें करानी पड़ती है
अगर आप टाइप 1 डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं तो ही आपको यूरीन टेस्ट कराने की आवश्यकता होती है। इस जांच की आवश्यकता तब पड़ती है जब मरीज के अंदर कुछ लक्षण दिखाई दें। यह लक्षण कुछ इस प्रकार हैं।
ब्लड शुगर लेवल 300 mg/dl से अधिक होना
बीमार होना
डायबिटिक कीटोएसिडोसिस के लक्षण दिखना।
जी मिचलाना और उल्टी आना
उपचार के बावजूद ब्लड शुगर लेवल का उच्च स्तर पर बने रहना।
हमेशा थका हुआ महसूस करना
प्यास अधिक लगना या मुंह सुखते रहना।
बार बार पेशाब आना
मुंह से किसी तरह की स्मेल आना
अगर गर्भावस्था में डायबिटीज है
एक्सरसाइज करने की सोच रहे हैं और ब्लड शुगर लेवल हाई है।
यूरिन टेस्ट से पहले क्या करें
अगर आप यूरिन टेस्ट कराने की सोच रहे हैं तो इससे पहले अधिक से अधिक पानी पीएं। इसके अलावा अगर आप किसी तरह की दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो डॉक्टर को इन दवाओं के बारे में जरूर बताएं। वरना इससे टेस्ट के परिणाम कुछ अलग हो सकते हैं। साथ ही आप डॉक्टर के ऑफिस जाकर भी यूरिन टेस्ट करा सकते हैं।