नई दिल्ली,
भारत में तेजी से चल रहे टीकाकरण अभियान को लेकर एक और बड़ी खुशखबरी आयी है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को सिंगल डोज स्पूतनिक लाइट वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करके दी है। इसके बाद देश में स्वीकृत कोरोना वैक्सीन की संख्या 9 हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर लिखा कि DCGI ने भारत में सिंगल-डोज स्पुतनिक लाइट कोरोना वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है। ये देश की 9वीं वैक्सीन है, जो लोगों को दी जाएगी। साथ ही ये महामारी के खिलाफ देश की सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगी। वैसे रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी को सरकार ने पिछले साल ही मंजूरी दी थी, जिसकी दो डोज लोगों को लगाई जा रही है।
DCGI has granted emergency use permission to Single-dose Sputnik Light COVID-19 vaccine in India.
This is the 9th #COVID19 vaccine in the country.
This will further strengthen the nation's collective fight against the pandemic.
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) February 6, 2022
भारत को मिली 9वीं कोरोना वैक्सीन
DCGI की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने 2 दिन पहले ही स्पूतनिक लाइट सिंगल डोज वाली वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए सिफारिश की थी। स्पूतनिक लाइट वैक्सीन रूस में विकसित हुई वैक्सीन है। अब तक देश में जिन आठ वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा था वो सभी डबल डोज हैं। बता दें कि, देश में अब तक 8 कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन, कोवोवैक्स के साथ ही कॉबेवैक्स, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन जी-कोव-डी शामिल हैं। रूस की स्पूतनिक-वी वैक्सीन का भी इस्तेमाल देश में पहले से ही हो रहा है।
जानिए कितनी है प्रभावी और क्या होंगे फायदें?
द लैंसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्पुतनिक लाइट कोरोना के खिलाफ 78.6-83.7 फीसदी सक्षम है जोकि कोरोना की दो वैक्सीन की तुलना में बेहतर है। इसके इस्तेमाल से कोरोना के मरीज की अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 82.1-87.6 फीसदी तक कम हो जाती है। स्पुतनिक वी और स्पुतनिक लाइट में बहुत फर्क है। मौजूदा वक्त में भारत में स्पुतनिक वी की दो डोज लोगों को दी जा रही है, जबकि स्पुतनिक लाइट की एक ही डोज कोरोना के खिलाफ काफी है। इसकी मंजूरी के बाद कम खर्च में लोगों का टीकाकरण होगा और स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों की भीड़ भी कम हो जाएगी।