Dairy : पशुपालन के लिए मिला बड़ा पैकेज, 10 करोड़ किसानों को होगा फायदा.

देश में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पशुपालन पर भी खासा जोर दिया जा रहा है. पशुपालन के क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर पैदा करने के लिए और पशुपालकों की आय को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकाई कई योजनाएं चला रहा हैं. यह योजना आगे भी चलती रहे और इसे चलने के लिए किसी प्रकार का आर्थक संकट ना हो इसके लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने विशेष पशुधन सेक्टर पैकेज के पारित होने की अनुमति दे दी है.

क्या है विशेष पैकेज 

विशेष पशुधन पैकेज के तहत सबसे पहले तो कई नयी गतिविधियों को इसमें शामिल किया गया है. इसके साथ ही इन योजनाओं के कई घटकों को सरकार द्वारा संशोंधित भी किया गया है. पशुधन सेक्टर पैकेज 2022 से शुरू होगा जो आने वाले पांच वर्षों तक चलेगा. इस विशेष पैकेज से देश में पशुधन के विकास को बढ़ावा मिलेगा. इसका सीधा फायदा देश के उन 10 करोड़ पशुपालकों को मिलेगा. इस पैकेज के तहत केंद्र सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान 54,618 करोड़ रुपये का कुल निवेश जुटाने के लिये 9,800 करोड़ रुपये की सहायता देगी.

सरकार के नयी योजना पशुपालन 

सरकार के नयी योजना के मुताबिक पशुपालन विभाग की योजनाओं पर अब निवेश किया जाएगा. इसके अलावा विभाग की सभी बड़ी योजनाओं तीन बड़ी विकास की योजनाओं के साथ मिला जाएगा. इनमें राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और पशुधन की गणना तथा एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (एलसी-एंड-आईएसएस) को उप-योजनाओं के तौर पर शामिल किया गया है.

बदल गया रोग नियंत्रण का नाम

पशुपालन विभाग की योजना रोग नियंत्रण कार्यक्रम का नाम अब बदल गया है. नाम बदलकर पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी) रख दिया गया है. पशुधन स्वास्थ्य और रोग को इसमें शामिल किया गया है. इसके साथ ही इसमें राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और अवसंरचना विकास निधि को शामिल किया गया है.

Animal Husbandry Infrastructure Development Fund और डेयरी डेवलपमेंट फंड (DIDF) को आपस में मिला दिया गया है. इस तरह से एक अलग से विकास फंड तैयार किया जा रहा है. इतना ही नहीं डेयरी गतिविधियों में शामिल डेयरी सहकारिता और किसान उत्पादक संगठनों को भी इस तीसरी श्रेणी में शामिल कर लिया गया है, ताकि समय समय पर डेयरी सहकारिताओं को सहायता मिल सके.

पशुपालकों को होने वाले लाभ राष्ट्रीय गोकुल मिशन से स्वदेशी प्रजातियों के पशुधन के विकास और संरक्षण को मदद मिलेगी.  इसके अलावा गांव के गरीबों की आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगा. साथ ही एनपीडीडी का लक्ष्य है कि दूग्ध भंडारण के लिए  8900 कूलर लगाने का है. इससे आठ लाख से अधिक दुग्ध उत्पादकों को फायदा मिलेगा. दुध का उत्पादन भी बढ़ेगा. एनपीडीडी के अंतर्गत जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जीआईसीए) से वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, जिससे 4500 गांवों का विकास होगा.

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