Congress Presidential : कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में वरिष्ठ नेता एम मल्लिकार्जुन खड़गे भी रेस में

नई दिल्ली 

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में सांसद शशि थरूर के प्रतिद्वंदी को लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने का फैसला किया है। इसके अलावा रेस में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम भी सामने आया था। वहीं, अब पार्टी के वरिष्ठ नेता एम मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी चर्चा है, जबकि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार रहे सीएम अशोक गहलोत के राजस्थान में राजनीतिक घमासान के बाद नामांकन दाखिल करने की संभावना कम हो गई है।

17 अक्टूबर को है AICC अध्यक्ष पद के चुनाव

वरिष्ठ नेता एम मल्लिकार्जुन खड़गे के एक करीबी सूत्र ने बुधवार को बताया कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कहेंगी तो पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से गुरेज नहीं करेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री और नेहरू-गांधी परिवार के भरोसेमंद खड़गे का नाम 17 अक्टूबर को होने वाले एआईसीसी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए चर्चा में है।

चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 30 सितंबर तक

इस चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी। राज्यसभा में नेता विपक्ष के एक करीबी सहयोगी ने कहा, “खड़गे ने सोनिया गांधी को बताया है कि पार्टी जो भी फैसला लेगी, वह उसका पालन करेंगे।” सूत्र ने कहा, “अंतत: वह वही करेंगे जो पार्टी (सोनिया गांधी) उन्हें करने को कहेंगी।” कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि खड़गे का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी जैसे विपक्ष के नेताओं के साथ अच्छा जुड़ाव और संबंध है, जो एक अतिरिक्त लाभ होगा और वह हमेशा की तरह तेज-तर्रार भी हैं।

‘खड़गे की हिंदी के लिए लोग उन्हें पसंद करते हैं’

एक अन्य नेता ने कहा, “हिंदीभाषी क्षेत्रों में भी, उनकी हिंदी के लिए लोग उन्हें पसंद करते हैं।” 80 वर्षीय खड़गे के करीबी सूत्रों ने हालांकि यह भी कहा कि उनका मानना है कि केवल नेहरू-गांधी परिवार के पास अज्ञात आकर्षण और करिश्मा है और पूरे देश में किसी और का उस तरह का प्रभाव नहीं है।

पार्टी जो भी फैसला करेगी, खड़गे मानेंगे: सूत्र

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी की वापसी की वकालत करने वाले खड़गे का मानना है कि लोकसभा चुनाव में सिर्फ दो साल बाकी हैं और देश का दौरा करना और पार्टी को आगे ले जाना एक बहुत ही बड़ा काम है। करीबी सहयोगी ने कहा, “खड़गे ने पार्टी की ओर से कही गई किसी भी बात से इनकार नहीं किया। पार्टी ने उनका ध्यान रखा, पार्टी जो भी फैसला करेगी, वह मानेंगे।”

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