अहमदाबाद
गुजरात में जीएसटी के जॉइंट कमिश्नर नितिनसिंह अनिल त्रिपाठी और उनके अधीक्षक प्रकाश यशवंतभाई रसानिया रिश्वत लेते पकड़े गए। उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने फर्नीचर आयात करते एक व्यापारी के इनपुट टैक्स क्रेडिट को चुकाने के लिए 1.50 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा। प्रकाश रसनिया को गिरफ्तार करने के बाद नीतू सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
मामले की जानकारी देते हुए एसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि, ब्याज और जुर्माना राशि से बचने के लिए, जॉइंट कमिश्नर नितिन सिंह , अनिल त्रिपाठी और उनके साथी अधीक्षक प्रकाश यशवंत रसानिया ने 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। यह रकम काफी ज्यादा थी तो दोनों के बीच कहासुनी हुई थी। जॉइंट कमिश्नर और अधीक्षक मानने को तैयार नहीं थे। अंत में दोनों पक्षों के बीच 1.50 लाख रुपए में निपटारे की बात बनी। रकम का भुगतान अहमदाबाद के सैटेलाइट एरिया में सीमा हॉल के पास सीजीएसटी डिवीजन-6 आॅफिस करने का निर्णय लिया गया।
रिश्वत की रकम का भुगतान करने से पहले गुप्त रूप से एसीबी को खबर कर दी। उसके बाद व्यापारी सीजीएसटी अधिकारियों को रकम देने पहुंचे। हालांकि, उस वक्त जॉइंट कमिश्नर नितिन सिंह अनिल त्रिपाठी कोविड वैक्सीनेशन का कारण बताते हुए चले गए। व्यापारी ने फोन किया तो नीतूसिंह नामक महिला ने रिश्वत के पैसे प्रकाश रसानिया को देने के लिए निर्देश दिया। जहां एसीबी ने प्रकाश रसानिया को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा। रिश्वत के रूप में दी गई पूरी रकम भी बरामद कर ली गई। एसीबी के अनुसार, रिश्वत लेने वालों ने वो रकम सीजीएसटी के ऑफिस में ही व्यापारियों से ली थी।प्रकाश रसनिया को पकड़ने के बाद नीतू सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में ज्वॉइंट कमिश्नर पर ट्रैप की कार्रवाई एसीबी के आरजी चौधरी ने असिस्टेंट डायरेक्टर केबी चुडासमा की अगुवाई में की।