Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए कृषि क्षेत्र के लिए कई बड़े एलान किए हैं। केंद्र सरकार ने 2023 के दौरान किसानों को 20 लाख करोड़ तक ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है। 20 लाख क्रेडिट कार्ड वितरित किए जाएंगे। मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना शुरु की गई है। किसान सम्मान निधि के तहत 2.2 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। मत्स्य संपदा की नई उपयोजना में 6000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
बजट की इन घोषणाओं पर जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ‘एआईकेएससीसी’ के वरिष्ठ सदस्य रहे अविक साहा कहते हैं, किसान की औसतन आय तो 27 रुपये प्रतिदिन है। आम बजट में किसानों की आय डबल करने के मामले में केंद्र सरकार मौन रही है। वर्तमान में किसानों की आर्थिक दशा कैसी है, इस बारे में वित्त मंत्री ने कुछ नहीं बताया। साल 2016 में यह घोषणा की गई थी कि पांच साल में किसानों की आय डबल हो जाएगी। अब 2023-24 के बजट में कम से कम इतना तो बता देते कि डबल आय की घोषणा अभी कहां तक पहुंची है।
‘एआईकेएससीसी’ के वरिष्ठ सदस्य रहे अविक साहा कहते हैं, केंद्र सरकार हर साल नई घोषणाएं कर देती है। उसे यह तो बताना चाहिए कि जो योजनाएं पहले घोषित की गई थीं, आज उनकी स्थिति कैसी है। तय मुकाम हासिल करने में वे योजनाएं कितनी सफल हुई हैं, यह तो बताना चाहिए…
वित्त मंत्री ने बजट में किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्टक्चर पर जोर दिया है। उन्होंने एग्री स्टार्टअप के लिए एक अलग निधि का निर्माण करने की बात कही है। किसान नेता अविक साहा ने बताया, केंद्र सरकार हर साल नई घोषणाएं कर देती है। उसे यह तो बताना चाहिए कि जो योजनाएं पहले घोषित की गई थीं, आज उनकी स्थिति कैसी है। तय मुकाम हासिल करने में वे योजनाएं कितनी सफल हुई हैं, यह तो बताना चाहिए। पिछले बजट में जिन प्रयासों का जिक्र हुआ था, वे कहां तक पहुंचे हैं। इन सब बातों पर सरकार ने चुप्पी साध ली है। पिछली घोषणाओं को सरकार, ‘ऑल इज वेल’ के खांचे में डाल देती है। किसानों की आय डबल होगी, इसे लेकर तो सरकार को बताना चाहिए था।
बतौर अविक साहा, क्रेडिट कार्ड वितरण में केंद्र सरकार का क्या जाता है। उन्हें कितना भी बढ़ा लें। इसमें सरकार का क्या जाता है। कार्ड और लोन तो बैंक को देना है। कर्ज तो किसान पर चढ़ेगा, इसमें सरकार का क्या जाएगा। सरकार, किसानों को अंधेरे में रख रही है। किसान का एक ही मुद्दा है, उसे अपनी फसल का सही दाम मिले। अगर बजट में पहली घोषणाओं और योजनाओं की सफलता के आंकड़े सदन में रखे जाते तो बेहतर होता। सरकार, वेयर हाउस की बात करती है। सहकारी मंत्रालय बताए कि जो मौजूदा वेयर हाउस हैं, उसमें किसान का कितनी फसल रखी है। सरकार ने वहां से कितनी फसल खरीदी है। इस बारे में सरकार ने कुछ नहीं बताया।
2022-23 के आम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कुल आवंटन में 4.8 फीसदी की वृद्धि की गई थी। उस दौरान भी बजट में किसानों की आय दोगुनी करने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर कुछ नहीं कहा गया था। गत वर्ष कृषि क्षेत्र के लिए 123960.75 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। वित्त वर्ष 2021-22 में संशोधित अनुमान 118257.69 करोड़ रुपये था।