जांजगीर/चांपा: संवादाता – सिद्धार्थ तिवारी: Brave & Responsible Girls: बेटा-बेटी में समानता रखने के प्रति सरकारों द्वारा चलाई गई मुहिम एवं सामाजिक संगठनों द्वारा आमजन में जगाई जाग्रति का सकारात्मक परिणाम अब गांवों में भी दिखने लगा है।
इस एक उदहारण घिवरा गांव में देखने को मिला, जहां एक पिता की असामयिक मृत्यु होने पर उसकी बेटियों ने ही अर्थी को कंधा देने सहित अंतिम संस्कार की रस्में अदा की। गांव में हुई इस पहल की चर्चा ग्रामीणों में है।
Brave & Responsible Girls: घिवरा निवासी सीताराम कश्यप की बेटियों ने किया पिता का अंतिम संस्कार
घिवरा निवासी सीताराम कश्यप के पुत्र नहीं था, उसके पांच बेटियां ही है। मृत्यु उपरांत अर्थी को कंधा देने की बारी आई तो पुत्र नहीं होने की कसक परिजनों को खलने लगी।
Brave & Responsible Girls: जिसके बाद उसकी बेटियों से ही अंतिम संस्कार की रस्में अदा करने का निर्णय लिया। जिसके बाद सीताराम कश्यप की बेटियों ने अर्थी को कंधा दिया और अन्य रस्में अदा की।