बीजेपी आगामी चुनावों के लिए एसटी-एससी बाहुल्य और पूर्वी राजस्थान पर खास फोकस कर रही है

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Rajasthan : आज लोकसभा चुनाव हो जाए तो कौन जीतेगा- बीजेपी या कांग्रेस, सर्वे में आए चौंकाने वाले नतीजे

Rajasthan Election 2023 News: विधानसभा की 200 सीटों में से एससी के लिए आरक्षित 34 सीटे हैं. इनमें कांग्रेस के पास 19 और बीजेपी के पास 11 सीटें हैं. इसी तरह एसटी के लिए 25 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं.

Rajasthan Elections 2023: बीजेपी आगामी चुनावों को देखते हुए इस बार एसटी-एससी बाहुल्य और पूर्वी राजस्थान पर खास फोकस कर रही है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) समेत केंद्रीय नेताओं के दौरे इन सीटों को ध्यान में रखकर ही लगाए जा रहे हैं. राजस्थान में पीएम नरेंद्र मोदी की छह सभाएं पिछले एक साल में हुई हैं. प्रदेश की चारों दिशाओं में से अब तक तीन दिशाओं में प्रधानमंत्री ने जनसभाओं को संबोधित किया है. अब चौथी दिशा बीकानेर संभाग को साधते हुए जुलाई में ही प्रधानमंत्री की सभा प्रस्तावित है. वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda), गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) समेत अन्य नेताओं के दौरे भी स्पेशल रणनीति के तहत तैयार किए जा रहे हैं.

प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों में से एससी के लिए आरक्षित 34 सीटे हैं. इनमें कांग्रेस के पास 19 और बीजेपी के पास 11 सीटें हैं. इसी तरह एसटी के लिए 25 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं. इनमें से कांग्रेस के पास 13 और बीजेपी के पास आठ सीटें हैं. इनमें बीटीपी और निर्दलीय दो-दो विधायक हैं.

पूर्वी राजस्थान का गणित 
पूर्वी राजस्थान के अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा में 39 विधानसभा सीटें हैं. यहां 2013 के चुनाव में बीजेपी ने सर्वाधिक 28 सीटें जीती थीं. कांग्रेस को सात, डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा की पार्टी एनपीपी को तीन और एक सीट बसपा को मिली थी. वहीं 2018 के चुनाव में बीजेपी को महज चार सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस को 25, बसपा को 5, निर्दलियों को चार और एक सीट आरएलडी को मिली थी. बसपा का विलय कांग्रेस में हो गया. आरएलडी और निर्दलियों ने भी कांग्रेस को समर्थन किया. यहां लोकसभा की पांच सीटें हैं. बीजेपी ने 2014 और 2019 के चुनाव में ये सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की है.

मोदी, नड्डा और शाह का दौरा 
चुनावी तैयारियों के तहत बीजेपी सभाएं करने में जुटी है. पीएम ने 12 फरवरी को सभा की थी. इसके बाद 15 अप्रैल को गृहमंत्री की सभा हुई. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 29 जून को भरतपुर में सभा की. हालांकि जेपी नड्डा ने इससे पहले भी सवाई माधोपुर में एसटी के प्रबुद्धजनों के साथ संवाद किया था. उधर अमित शाह ने भी 30 जून को आदिवासी समाज के प्रबुद्धजनों के साथ संवाद और लंच किया था.

बीजेपी ने सियासी मायनों में उदयपुर संभाग को भी महत्वपूर्ण माना है. इसमें एसटी बाहुल्य सीटों पर वोट प्रभावित होने का खतरा माना गया है. इसी को साधने की दिशा में पार्टी काम कर रही है. अमित शाह की सभा भी इसी कड़ी का हिस्सा थी. हालांकि उदयपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों में 2018 के चुनाव में बीजेपी को छह सीटें मिली थीं.

 

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