‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ की नींव को मजबूत करेगा सर्व समावेशी बजट : योगी

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All-inclusive budget will strengthen the foundation of 'self-reliant Uttar Pradesh': Yogi

लखनऊ (वार्ता) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि राज्य के समग्र और मावेशी विकास को ध्यान में रखते हुये वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये पेश किया बजट ‘आत्मनिर्भर भारत’ की तर्ज पर ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ की नींव को मजबूत करेगा। बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये श्री योगी ने विधानभवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2016-17 में बजट का आकार 3.40 लाख करोड़ का था जो इस साल दो गुने से भी अधिक यानी 6.90 लाख करोड़ से अधिक का हाे चुका है जो अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की सरकार की प्रतिबद्धता का परिचायक है। पिछले छह सालों में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुयी जबकि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत में भी उल्लेखनीय इजाफा दर्ज किया गया। उन्होने कहा कि बजट मे पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा किये गये 130 वादो में से 110 को समाहित किया गया है। यह वादे पूरे करने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है।

उन्होने कहा कि वर्ष 2017-18 में प्रदेश में हमारा कुल निर्यात 86 से 88 हजार करोड़ रूपये के बीच का था, आज वह बढ़कर लगभग 1.60 लाख करोड़ के लगभग होने जा रहा है। प्रदेश में हमने कर चोरी को रोका और वित्तीय प्रबंधन पर कार्य किया। 2016-17 के 3.40 लाख करोड़ के बजट के सापेक्ष यह बजट दोगुना है। इस दौरान कोई नया कर जनता पर नहीं लगाया गया, जबकि प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर कर में छूट दी गई और आज अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में पेट्रोल व डीजल सस्ता है। बावजूद इसके न केवल प्रदेश का राजस्व संग्रह बढ़ा है, बल्कि राजकोषीय अनुशासन का पूरा ध्यान भी रखा गया और सरकार की आय में वृद्धि भी हुई है।

राज्य की मजबूत वित्तीय स्थिति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में बजट का लगभग आठ फीसदी हिस्सा पुराने ऋण के बकाये में चला जाता था लेकिन कुशल वित्तीय प्रबंधन से आज यह छह प्रतिशत तक आ गया है। यूपी की बेरोजगारी दर जो 2016-17 में 17-18 फीसदी थी जो आज चार प्रतिशत तक रह गई है। सीडी रेशियो में व्यापक सुधार हुआ है और आज यह 55 प्रतिशत पर है।

उन्होंने कहा कि 2016-17 में राज्य कर का राजस्व 86 हजार करोड़ था, जो कि आज 2022-23 में बढ़कर दो लाख 22 हजार करोड़ तक होने का अनुमान है। वर्ष 2016-17 में सेल्स टैक्स/वैट संग्रह 51883 करोड़ था, आज 1.24 लाख करोड़ तक होने जा रहा है। इसी प्रकार, 2016-17 में स्टेट एक्साइज के रूप में 14277 करोड़ रूपये मिला था, जो इस वित्त्तीय वर्ष में 49 हजार करोड़ से अधिक प्राप्त होने का अनुमान है।

श्री योगी ने कहा कि वर्ष 2022-23 में एफआरबीएम एक्ट के अनुसार राजकोषीय घाटे की निर्धारित सीमा चार प्रतिशत के सापेक्ष हम इसे 3.96 प्रतिशत तक रखने में सफल हुए हैं। वर्ष 2016-17 स्वयं का राज्य कर कुल राजस्व प्राप्ति का 33 फीसद था, जबकि आज वर्ष में 2022-23 बजट दो गुना हो गया, फिर भी यह अनुपात 44 प्रतिशत तक होने का अनुमान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 बजट का 20 प्रतिशत वित्त पोषण ऋणों से होता था, जबकि आज वर्ष 2023-24 के बजट में ऋण का प्रतिशत घटकर 16 प्रतिशत तक आ गया है। इसी प्रकार, बजट का लगभग आठ फीसदी ऋणों के ब्याज के लिये खर्च होता था और वर्ष 2022-23 बजट 6.5 प्रतिशत रह गया है।

उन्होने कहा कि बजट का आकार प्रदेश की जरूरतों के अनुरूप है। यह लक्ष्य वित्तीय अनुशासन बनाने से प्राप्त हुआ है। हमने हमेशा सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास , सबका प्रयास का प्रतिनिधित्व करने वाला बजट प्रस्तुत किया है। राज्य सरकार ने अपने प्रत्येक बजट में एक थीम को लेकर योजनाबद्ध ढंग से प्रयास किया। मौजूदा सरकार ने वर्ष 2017-18 में अपना पहला बजट किसानों को समर्पित किया था। वर्ष 2018-19 का बजट औद्योगिक विकास तथा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के लिए था। वर्ष 2019-20 का बजट महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित था। वर्ष 2020-21 का बजट युवाओं तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए समर्पित था। वर्ष 2021-22 के बजट का स्वावलम्बन से सशक्तिकरण का था और 2022-23 का बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश एवं ‘अंत्योदय’ की संकल्पना को समर्पित था। इसी प्रकार 2023-24 के बजट की मूल भावना आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश है।

उन्होने कहा कि छह वर्षों में प्रदेश के बजट के आकार में दो गुने से अधिक की वृद्धि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 6 वर्ष में दोगुनी से अधिक की वृद्धि प्रदेश की बजट में हुई है। इस दौरान प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक हुई है। उन्होंने कहा कि आज के बजट में जो घोषणाएं हुई हैं, उसमें मुख्य रूप से प्रदेश में एक बड़ा भाग पूंजीगत व्यय के लिए है। इसका मतलब प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास पर वो धनराशि खर्च होगी, जो प्रदेश में रोजगार सृजन में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन करने जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के इतिहास के इस सबसे बड़े बजट में मूलभूत अवसंरचना विकास, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य तथा किसानों, महिलाओं और युवाओं का खास ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने अब तक प्रदेश में 20 लाख युवाओं को टैबलेट/स्मार्टफोन वितरित किए हैं। अगले 5 वर्ष में कुल दो करोड़ युवाओं को यह लाभ देंगे। इसी प्रकार, निजी नलकूप से जुड़े जो हमारे अन्नदाता किसान हैं उन्हें हमने पिछले बजट में 50 फीसदी की छूट दी थी, आने वाले समय में हम उन्हें व्यवस्थित तरीके से 100 फीसदी छूट देने की व्यवस्था करने जा रहे हैं, इसका प्रावधान बजट में किया गया है।
प्रदीप
वार्ता

 

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