Agri Carnival 2022 : अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई 14-18 अक्टूबर 2022 को….फीलीपीन्स,जिम्बाम्बे, युगांडा, नेपाल, बांगलादेश आदि के वैज्ञानिक प्रशिक्षण में भाग लेगें

रायपुर 

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गिरीश चंदेल आज प्रशासनिक भवन में प्रेस एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संवाददाताओं एवं प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करते हुए जानकारी दी की इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा छत्तीसगढ़ शासन के कृषि विभाग के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 14 से 18 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय कृषि मड़ई ” Agri Carnival 2022” के आयोजन किया जावेगा।  जिसमें अंतर्राष्ट्रीय चांवल अनुसंधान संस्थान फीलीपीन्स द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को चांवल की नई प्रजातियों के विकास हेतु ‘‘लाइट हाऊस पार्टनर‘‘ चुना गया है। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक विभिन्न देशों जैसे नाइजीरीया, तंजानिया, जिम्बाम्बे, युगांडा, नेपाल, बांगलादेश आदि के वैज्ञानिको को चांवल प्रजनन का प्रशिक्षण देगें। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं कार्यशाला में लगभग 10 देश के कृषि वैज्ञानिक भाग लेगें।

समारोह के मुख्य आकर्षण

1. टैªक्टर सफारी द्वारा कृषि अनुसंधान प्रक्षेत्र का भ्रमण14 से 18 अक्टूबर 2022

प्रत्येक दिन प्रदेश के विभिन्न जिलों के किसानों, छात्रों, आम नागरिकों को ट्रैक्टर सफारी द्वारा विश्वविद्यालय के अनुसंधान प्रक्षेत्र का भ्रमण करवाया जाएगा। कुल 18 प्रदर्शनों के द्वारा औषधीय एवं सगंध पौध, कृषि यंत्रों, बीज उत्पादन, सुनियोजित खेती, मौसम वैधशाला, धान की उन्नतशील प्रजातियों, टिश्यू कल्चर लैब, एग्रीकल्चर म्यूजीयम, वर्मीकम्पोस्ट इकाई, बायो कंट्रोल एंड बायोफर्टीलाइजर, जैविक खेती, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, पशुपालन, मुर्गी पालन, बटेर पालन, मछली पालन की उन्नत तकनीकों की जानकारी दी जावेगी।

2. पादप प्रजनन अनुसंधान के आधुनिकीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला एवं प्रशिक्षण14 से 18 अक्टूबर 2022
अंतर्राष्ट्रीय चांवल अनुसंधान संस्थान फीलीपीन्स द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को चांवल की नई प्रजातियों के विकास हेतु ‘‘लाइट हाऊस पार्टनर‘‘ चुना गया है। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक विभिन्न देशों जैसे नाइजीरीया, तंजानिया, जिम्बाम्बे, युगांडा, नेपाल, बांगलादेश आदि के वैज्ञानिको को चांवल प्रजनन का प्रशिक्षण देगें। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं कार्यशाला में लगभग 10 देश के कृषि वैज्ञानिक भाग लेगें।

3. छत्तीसगढ़ से कृषि-उद्यानिकी फसलों एवं खाद्य पदार्थो के निर्यात हेतु क्रेता-विक्रेता सम्मेलन14 अक्टूबर 2022

इस कार्यक्रम में प्रदेश के प्रगतिशील कृषक, एपीडा के अधिकारी, कृषि, उद्यानिकी विभाग के अधिकारी, कृषि निर्यातक एवं उद्यमी भाग लेगें। इस कार्यक्रम में एपीडा के अधिकारियों द्वारा कृषि निर्यात हेतु मापदंड, परीक्षण एवं नियमों की जानकारी दी जावेगी। क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कृषि उत्पादन को प्रमुखता से उचित मूल्य दिलवाना तथा नवीन उद्योग स्थापित करने हेतु नवीन उद्यमियों को मार्गदर्शन प्रदान करना है। सम्मेलन में भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के माध्यम से बहुमूल्य कृषि उत्पादों का मूल्य निर्धारण एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में सीधे ही कृषि उत्पादक किसानों के उत्पादों को उचित बाजार उपलब्ध कराने के संबंध में जानकारी दी जाएगी जिससे की किसान अपने उत्पादों का अधिकतम मूल्य पाने में सक्षम हो सकें। क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में विभिन्न संस्थान, कृषक एवं अन्य अधिकारीगण अपने विचार कृषकांे के साथ साझा करेंगे।

4. नवाचार, स्टार्ट अप एवं उद्यमिता पर कार्यशाला – 15 अक्टूबर, 2022

छत्तीसगढ़ के छात्राओं एवं स्नातकों को नवाचार, स्टार्टअप एवं उद्यमिता के संबंध में संभावनाओं, नियमों, वित्त उपलब्धता की जानकारी देने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के लिए देश के प्रख्यात स्टार्टअप विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। इसमें प्रदेश के युवा, स्नातक एवं नए स्टार्टअप भाग लेगें।

5. बायोटेक्नालाजी विभाग का रजत जयंती समारोह – 15 अक्टूबर 2022

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के बायोटेक्नालाजी शिक्षण विभाग के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती समारोह का आयोजन किया जाना रहा है। इस कार्यक्रम में छात्र, वैज्ञानिक एवं बायोटेक्नालाजी उद्योगों के प्रतिनिधि भाग लेगें। बायोक्टेनालाजी के क्षेत्र में हो रहे नए अनुसंधानों की जानकारी दी जावेगी। निजी कंपनीयों द्वारा छात्रों को प्लेसमंेट के भी अवसर प्राप्त होंगे। इस समरोह में भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारी, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, प्राध्यापक, तथा भूतपूर्व छात्र शामिल होंगे। समारोह में वरिष्ठ जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक तथा जैव सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. वी. शिवा रेड्डी, भारत सरकार के वरिष्ठ सलाहकार जैव प्रौद्योगिकी विभाग डॉ. संजय मिश्रा, जैव प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ डॉ. एच.ई. शशीधर, डॉ. अजीत कुमार सासने, डॉ. मनोज सिंह के अलावा जैव प्रौद्योगिकी उद्योगो और समितियों के प्रतिनिधि के रूप में अरचित गोयल डॉ. किसलय सिंघा, राज्य शासन और अन्य विश्वविद्यालयों के जैव प्रौद्योगिकी शिक्षण के जुड़े प्राध्यापक, वैज्ञानिक, अधिकारी तथा अन्य प्रतिनिधिगण और विगत 25 वर्षाें में जैव प्रौद्योगिकी संकाय में अध्ययनरत जम्मू-कशमीर, तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब, पूर्वोत्तर राज्यों के भूतपूर्व छात्र शामिल होंगे। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, नीदरलैंड, चेक रिपब्लिक के भूतपूर्व छात्र आनलाईन मोड में समारोह से जुडेंगे। कार्यक्रम में जैव प्रौद्योगिकी में शिक्षण तथा अनुसंधान के संबंध में समूह चर्चा तथा विचार-विमर्श किया जाएगा। इस अवसर पर जैव प्रौद्योगिकी पर केन्द्रित पुस्तिकाओं एवं स्मारिकाओं का विमोचन भी किया जाएगा।

6. लघु वनोपज संग्रहण, प्रसंस्करण एवं निर्यात हेतु कार्यशाला – 16 अक्टूबर 2022

लद्यु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण, विपणन एवं निर्यात हेतु समस्त स्टेक होल्डर के साथ कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें लघु वनोपज से बनने वाले उत्पादों को निर्यात करने हेतु आवश्यक परीक्षण, मापदंड एवं नियमों की जानकारी एपीडा के अधिकारियों द्वारा दी जावेगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एवं छत्तीसगढ़ लघु वनोपज उत्पाद संस्था के संयुक्त तत्वावधान में छत्तीसगढ़ राज्य के महत्वपूर्ण कृषि एवं वनोपज उत्पाद का प्रसंस्करण एवं विदेश मंे निर्यातक संस्थाओं द्वारा उत्पाद को सीधे ही एक मंच पर खडा कर सम्भावनाओं का समायोजन करना है। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य छत्तसीगढ़ का वन सम्पदा जिसमें औषधीय पौध एवं संगध पौध से तैयार किये जाने वाले उत्पाद का उत्पादक, क्रेता-विक्रेता के समझ विदेशी मांग का गुणवत्ता निर्धारण करना है।

7. जैव विविधता संरक्षण एवं कृषकों की प्रजातियों के पंजीयन हेतु कार्यशाला एवं प्रदर्शनी – 17 अक्टूबर 2022

जैव विविधता एवं कृषकों की प्रजातियों के पंजीयन हेतु बायोडायवीर्सीटी इंटरनेशनल, पौध प्रजाति संरक्षण एवं कृषक अधिकार प्राधिकरण भारत सरकार, छत्तीसगढ़ जैव विविधता बोर्ड के साथ मिलकर कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश ग्रामीण कृषकांे एवं समुदायों की आजीविका में वृद्धि हेतु कृषि जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय किस्मों एवं पारंपरिक किस्मों के व्यवसायीकरण को बढ़ावा देना है। कार्यशाला के तकनीकी सत्रों के दौरान छत्तीसगढ़ में फसल जैव विविधता संरक्षण इनका उपयोग और व्यवसायीकरण की स्थिति तथा उपलब्धियों के बारे में चर्चा की जाएगी। विभिन्न फसल किस्मों के संरक्षण और कृषक किस्मों के पजीकरण तथा कृषक अधिकार संरक्षण के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस दौरान जैव विविधात संरक्षण हेतु अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता संस्थान, राष्ट्रीय पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा किये जा रहे कार्याें एवं प्रयासों की जनकारी भी दी जाएगी। इस अवसर पर आयोजित जैव विविधता प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों विशेषकर आदिवासी बहुल जनजातीय क्षेत्रों में पंजीकृत और संरक्षित स्थानीय एवं पारंपरिक कृषक प्रजातियों का प्रदर्शन किया जाएगा। यहां अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता संस्थान द्वारा व्यापारिकरण हेतु चिन्हित कृषक प्रजातियों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।

8. नेशनल एक्रीडीटेशन बोर्ड फार टेस्टींग लेबोरेटरी एंड कैलीब्रेशन (एन. ए. बी. एल.) कार्यशाला – 18 अक्टूबर 2022

छत्तीसगढ़ में उद्योगों, मेडीकल, कृषि, खाद्य प्रस्संकरण से संबंधित लगभग 400 परीक्षण प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं। इन प्रयोगशालाओं को मापदंड, गुणवत्ता एवं नियमों की जानकारी देने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय परीक्षण और अशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड द्वारा जागरूकता कार्यक्रम इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर पर रखा गया है जिसमें कृषि उत्पाद की गुणवत्ता परीक्षण कर अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में निर्यातक उत्पाद की गुणवत्ता परीक्षण कर व्यवसाय परख अवसर प्रदान करा है। वर्तमान बाजर की आवश्यकता को देखते हुए उत्पाद का परीक्षण कर गुणवत्ता परीक्षण करना है। छत्तीसगढ़ के शासकीय एवं निजी संस्थानों द्वारा संचालित प्रयोगशालाओं के एक्रीडीटेशन के लिए मापदंडों की जानकारी प्रदान करना इसका मुख्य उद्देश्य है।

9. फार्मटेक ऐशिया अन्तर्राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी एवं कृषक सम्मेलन 14 से 17 अक्टूबर

अन्तर्राष्ट्रीय कृषि मड़ई ‘‘Agri Carnival 2022’’ के दौरान 14 से 17 अक्टूबर, 2022 तक फार्मटेक एशिया अन्तर्राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी एवं कृषक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आधुनिक कृषि की नवीनतम प्राद्यौगिकी, नवाचारों एवं कृषकोंपयोगी उत्पादों को प्रदर्शन एवं विक्रय किया जाएगा। लगभग 15 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में आयोजित इस प्रदर्शनी में देश भर की 130 से अधिक कृषि उत्पाद एवं कृषि यंत्र निर्मित करने वाली कम्पनियों के स्टॉल लगाए जाएगें। प्रदर्शनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसान भाई खेती किसानी की आधुनिकतम तकनीकों एवं उत्पादों से रूबरू हो सकेंगे। प्रदर्शनी स्थल पर प्रति दिन कृषि सेमिनारों का आयोजन भी किया जाएगा। प्रदर्शनी में कृषि वैज्ञानिक, कृषि सलाहकार तथा व्यापारी वर्ग भी सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। प्रदर्शनी के दौरान किसानों एवं आम जनता को कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि अभियांत्रिकी तथा अन्य विभागों से संबंधित कृषक कल्याण योजनाअें के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। यहां कृषि की आधुनिक प्रौद्योगिकी, तकनीकों, कृषि यंत्रों, उन्नत बीजों, खाद एवं उर्वरक तथा कृषि से संबंधित अन्य विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी प्रदान की जाएगी। प्रदर्शनी में उद्यानिकी फसलों की उन्नत खेती, पौध उत्पादन एवं संरक्षित खेती, जैविक कृषि, कम लागत में उत्तम खेती की विधि का प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शनी में नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी, कृषि उत्पादों प्रदर्शन एवं विक्रय किया जाएगा जिनमें विकसित फर्म उपकरण एवं उन्नत कृषि यंत्र, उन्नत सिंचाई प्रणाली (ड्रिप एवं स्प्रिंकलर), उन्नत बीज, उर्वरक एवं कीट नाशक, जैव उर्वरक एवं रसायन, संक्षित खेती के उपकरण, सौर पम्प तथा अन्य उपयोगी कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय किया जाएगा। प्रदर्शनी के प्रायोजक Aeroaeon Avionics Pvt. Ltd है।

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