छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ईडी ने की बड़ी कार्रवाई, पूर्व सीएम के बेटे चैतन्य बघेल को किया गिरफ्तार

Chhattisgarh Liquor Scam

रायपुर: Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने उन्हें उनके भिलाई स्थित निवास से सुबह 6:30 बजे छापा मारकर गिरफ्तार किया। विशेष बात यह रही कि आज चैतन्य का जन्मदिन भी था, और इसी दिन यह गिरफ्तारी हुई।

ईडी ने बताया कि यह गिरफ्तारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है। छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले में मिले नए साक्ष्यों के आधार पर यह कड़ी कार्रवाई की गई है।

Chhattisgarh Liquor Scam: ईडी की टीम CRPF की सुरक्षा के साथ तीन गाड़ियों में पहुंची

ईडी की टीम CRPF की सुरक्षा के साथ तीन गाड़ियों में पहुंची और तलाशी के बाद गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी की गई। यह घटना उस समय हुई है जब आज छत्तीसगढ़ विधानसभा का अंतिम दिन था और भूपेश बघेल विधानसभा में रायगढ़ जिले में पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाने वाले थे।

क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?

Chhattisgarh Liquor Scam: इस मामले की जड़ें साल 2019 से 2022 के बीच की हैं, जब राज्य में एक संगठित शराब सिंडिकेट सक्रिय था। इस सिंडिकेट में प्रमुख रूप से अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, और कई अन्य प्रभावशाली लोग शामिल थे। आरोप है कि इस घोटाले के जरिए करीब 3,200 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई।

शराब की खरीद में डिस्टिलर्स (शराब कंपनियों) से प्रति केस कमीशन के रूप में रिश्वत ली जाती थी, और इस शराब को CSMCL (छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम) द्वारा खरीदा जाता था। इसके अतिरिक्त, बिना रिकॉर्ड के देशी शराब को सरकारी दुकानों से बेचा जाता था, जिससे सरकार को कोई राजस्व नहीं मिला। सारा पैसा सीधे सिंडिकेट के पास जाता था।

Chhattisgarh Liquor Scam: डिस्टिलर्स को फिक्स मार्केट शेयर देकर एक प्रकार का कार्टेल तैयार किया गया, और विदेशी शराब के लाइसेंस (FL-10A) देने के बदले में भी भारी रकम की उगाही की गई।

अब तक की जांच में क्या हुआ?

  • अब तक इस मामले में पांच चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं।
  • 29 आबकारी अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हैं।
  • 7 जुलाई को दाखिल चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में घोटाले की राशि को 2,161 करोड़ से बढ़ाकर 3,200 करोड़ रुपये बताया गया।
  • तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी इस घोटाले से मासिक नकद भुगतान किए जाने के सबूत मिले हैं।
  • ईडी अब तक 205 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच कर चुकी है।

आगे क्या हो सकता है ?

Chhattisgarh Liquor Scam: ईडी की जांच अभी भी जारी है और इसमें कई अन्य प्रभावशाली नामों के उजागर होने की संभावना जताई जा रही है। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि जांच अब राजनीतिक तौर पर भी गहराई में जा रही है।

यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में ईडी की अगली कार्रवाई किस दिशा में बढ़ती है और इस बहुचर्चित घोटाले में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं। Chhattisgarh Liquor

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